अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने जताया विरोध, पीएम-सीएम को पत्र लिखा
उज्जैन, अग्निपथ। अखाड़ा परिषद द्वारा सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का प्रारूप तैयार करने का अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने पुरज़ोर विरोध करते हुए महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी और सचिव रूपेश मेहता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र भेजा। जिसमें कहा गया कि देश मे सनातन धर्म रक्षा बोर्ड बनना चाहिए जिसका नेतृत्व शंकराचार्यजी करें अखाड़ा परिषद नहीं, क्योंकि बोर्ड का प्रारूप बनाने का अधिकार अखाड़ा परिषद को नहीं है।
साथ ही कई महत्पूर्ण बिंदुओं पर विचार करने का आग्रह किया है। पत्र में उल्लेख है कि देश में सनातन धर्म की दो शाखाएं हैं मठ और मंदिर। मठों का संचालन अखाड़े करते हैं और मंदिरों की पूजा, परंपरा और मर्यादा का निर्वहन और रक्षा, वंश परम्परागत पुजारी करते हैं। साथ ही शंकराचार्यजी सनातन धर्म के सर्वमान्य प्रतिनिधि हैं। इसलिए यदि देश में सनातन धर्म की रक्षा के लिए कोई बोर्ड बनता है तो चारों पीठ के शंकराचार्य, पुजारियों, बुद्धिजीवीयो के नेतृत्व में बने।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने सनातन धर्म रक्षा बोर्ड को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते हुए स्वयं को चेयरमैन बनाने की बात कही है जो उनका पद के लिए निजी स्वार्थ को दर्शाता है। नेताद्वय ने यह भी कहा कि अखाड़ा परिषद के नियम क्या है यह स्पष्ट नहीं है? क्योंकि पिछले कुछ समय से अखाड़ों द्वारा अनगिनत महामण्डलेश्वर बनाने की प्रथा चल पड़ी है, जिसमें गृहस्थ लोगों को भी महामण्डलेश्वर बनाया जा रहा है वह लोग अपने बच्चों और पत्नी के साथ रहते हैं जो उचित नहीं है क्योंकि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों पर इसका गलत असर हो रहा है,
जिसके कारण सनातन धर्म को क्षति हो रही हैं साथ ही अखाड़ों में शैव दल और रामा दल दो गुट है दोनों की पूजा पद्धति, रहन- सहन अलग है और जब देश में कहीं भी महाकुंभ या सिंहस्थ होता है तो अखाड़ों द्वारा स्नान भी साथ मे नहीं किए जाते हैं। यदि अखाड़े एक साथ स्नान नहीं कर सकते तो सनातन धर्म की रक्षा कैसे होगी। अखाड़ा परिषद को इस और ध्यान देना चाहिए।
जनमानस में यह भी चर्चा का विषय हैं कि अखाड़ा परिषद का वास्तविक अध्यक्ष कौन हैं? क्योंकि वर्तमान में अखाड़ा परिषद के दो अध्यक्ष बताए जाते हैं एक निर्वानी अखाड़े से और दूसरे निरंजनी अखाड़े से इसका स्पष्टीकरण होना चाहिए। देश की सनातन व्यवस्था और धर्म रक्षा के लिए चारों पीठ के शंकराचार्य कार्यशील है क्योंकि शंकराचार्य ही देश में सनातन धर्म का नेतृत्व करते हैं।
अखाड़ा परिषद और साधु संत नहीं अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि सरकार द्वारा देश में सनातन धर्म रक्षा बोर्ड बनाया जाता है तो उसमें देश के चारों शंकराचार्य और देश के मंदिरों में वंश परंपरा के पुजारी सहित विद्वत जनों को साथ लेकर बोर्ड बनावे जिसका नेतृत्व शंकराचार्य करें अन्य नहीं।