पीथमपुर से 40 मिनट में पहुंच सकेंगे उज्जैन

पीथमपुर-उज्जैन फोरलेन के लिए सर्वे शुरू

धार, (आशीष यादव) अग्निपथ। सरकार विकास के आयाम के साथ जनता को यातायात की सुविधा सुगम बनाने के लिए एक और नए प्रोजेक्ट के साथ ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे मुख्य मार्ग और दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से जोडकऱ विकास को नई गति देने की कोशिशें तेज हो गई हैं। पीथमपुर को उज्जैैन से सीधे जोडऩे के लिए केंद्र की ओर से सर्वे के आदेश एनएचएआई को दे दिए गए हैं और इस पर काम भी शुरू हो गया है। इस नए चमचमाती सडक़ के बनने से के बाद डेढ़ घंटे का सफर 40 मिनट में तय हो जाएगा।

यह सडक़ मूर्त रूप लेने पर यातायात सुविधा बढ़ेगी ओर लोगों की परेशानी भी कम होगी। क्योंकि उज्जैन से पीथमपुर जाने के लिए इंदौर होकर गुजरना होता है। जिसमें अरबिंदो अस्पताल से इंदौर शहर से सुपर कॉरिडोर की ओर घूमकर वाहन चालकों को जाना पड़ता है। अब उद्योग नगरी को सीधे उज्जैन से जोडऩे की योजना के सर्वे का निर्देश केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनएएचआई को दिया है।

प्रारंभिक तौर पर यह फोरलेन मार्ग उज्जैन के चिंतामण, जवासिया से देवास-बदनावर हाईवे होते हुए लेकोड़ा, तालोद, मगरखेड़ा, चिराखान, कछालिया, कांकरियापाल, जिंदाखेड़ा, जंबूूडी सरवर, हातोद, रोजड़ी, बोरसी, औरंगपुरा, पिपलिया, झगड़ू होते सहित दो दर्जन से ज्यादा गाँवों से होकर पीथमपुर पहुंचेगा। प्रारंभिक आकलन में उज्जैन से पीथमपुर के सफर में मात्र 40 मिनट लगेंगे। अभी उज्जैन से इंदौर होकर पीथमपुर जाने में तकरीबन 90 किमी का सफर तय करना पड़ता है, जो इस मार्ग से बनने से 57 किमी ही रह जाएगा।

देवास-बदनावर रोड जुड़ेंगी

धार जिले में एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए लोगों को ट्रैफिक की दिक्कत ना हो वह समय की बचत व दुर्घटना से बचने के लिए एक साथ चार जिलों की सडक़ों को एक दूसरे से कनेक्टिविटी करेंगी। उज्जैन से पीथमपुर तो सीधे जुड़ेगा ही है पर उज्जैन के जवासिया से देवास-बदनावर फोरलेन को भी टच करेगा। यानी इस फोरलेन के अमल में आने पर विकास की नई रफ्तार तैयार होगी। बदनावर से सीधे रतलाम की कनेक्टिविटी रहेगी, जो राजस्थान से पीथमपुर को जोडऩे के लिए एक नया रास्ता भी होगा। साथ धार से मुंबई जाने के लिए भी एवं मार्ग सुगम होगा।

पीथमपुर 17 गाँवो को सुपर कॉरिडोर से जोड़ेंगे

धार आदिवासी जिले में आता है जिसके लिए सरकार विकास के कार्य करवा कर यहां के निचले स्तर के लोगों को व्यापार से जोडऩे के साथ सुविधा देने के लिए इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में 17 गाँवो की 3200 एकड़ जमीनों के दावे-आपत्तियों की पिछले दिनों पीआईडीसी ने सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की। इस कार्यवाही में 859 आपत्तियों का निराकरण किया गया। उसके बाद 17 गांवों की इन जमीनों का खसरा प्लान भी जारी कर दिया। मुआवजे के लिए फिलहाल तीन विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, जिस पर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जाएगा। क्योंकि, अभी जिन दावे और आपत्तियों का निराकरण किया गया है।

यहा मिलेंगी सुविधाएं

इस कॉरिडोर पर फिनटेक सिटी, दलाल स्ट्रीट, आईटी हब से लेकर 15 से 20 मंजिला हाईराइज होंगी। यहां 20 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आएगा। 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इसकी पूरी योजना बनाकर एमपीआईडीसी ने सरकार को भेज दी है। बिजासन माता मंदिर से राऊ-पीथमपुर रोड व इंदौर-अहमदाबाद रोड को क्रॉस करते हुए एबी रोड को जोडऩे वाली 75 मीटर चौड़ी और 15 किमी लंबी सडक़ के किनारे यह कॉरिडोर होगा।

यहां अधिक फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) देकर हाईराइजमल्टी के जरिए स्कॉयलाइन थीम पर डेवलपमेंट होगा। दूसरी तरफ पीथमपुर सेक्टर-7 में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप भी एमपीआईडीसी ला रहा है। 20 किलोमीटर लम्बाई में बनने वाले इंदौर- पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का मेगा प्रोजेक्ट भी अमल में लाया जाना है। यह कॉरिडोर 75 मीटर चौड़ा होगा और इससे जोड़ते हुए प्राधिकरण ने अहिल्या पथ का अपना प्रोजेक्ट तैयार किया है, ताकि आवागमन सुगम हो सके।

17 गांवों का खसरा प्लान जारी

फिलहाल 17 गांवों में शामिल जमीनों का खसरा प्लान नोटिफिकेशन के जरिए जारी कर दिया है और जमीन मालिकों को शासन यानी बोर्ड के समक्ष दावे-आपत्तियों को प्रस्तुत करने का रहेगा, जिस पर 45 दिन में निराकरण करना है और उसके बाद फिर 180 दिन में ड्रॉफ्ट प्लान का प्रकाशन कर उस पर भी दावे-आपत्तियां आमंत्रित की जाएगी और चूंकि उसमें भी बोर्ड के समक्ष अपील का प्रावधान है, लिहाजा वह प्रक्रिया भी पूरी होगी।

कार्यकारी संचालक ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि 3 से 4 महीने में इन सारी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर लिया जाए, ताकि पीथमपुर-इंदौर इकोनॉमिक कॉरिडोर जैसा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अमल में लाया जा सके। इसमें एयरो सिटी, होटल, आईटी, फिंटेक सिटी, डाटा सेंटर, फिल्म और मीडिया से जुड़ी गतिविधियों के साथ-साथ आवासीय, व्यवसायिक प्रयोजन भी रहेंगे। पिछले दिनों कॉरिडोर में शामिल जमीनों पर अवैध कालोनाइजेशन की शिकायतें भी मिली जिस पर कार्यवाही की जा रही है।

सोनवाय से नैनोद तक होगा

इस कॉरिडोर का एक सिरा धार के पीथमपुर में दूसरा इंदौर के नैनोद रहेगा वही रेलवे के लिए टीही और धन्नड़ ड्रायपोर्ट से जुड़ेगा। कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर में आने वाली जमीनें भी ली गई हैं। इस कॉरिडोर में 17 गांवों की जमीनें शामिल हैं। एमपीआईडीसी की कार्यकारी संचालक राजेश राठौर का कहना है कि 859 दावे-आपत्तियों ह्यो गई अब अपील पर सुनवाई होना है। और 17 गांवों में किन-किन खसरों की जमीनें इस कॉरिडोर में आ रही है उनका नोटिफिकेशन भी हो गया। अब जमीन मालिक शासन के समक्ष अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर के बाद। इसका अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा। मगर फिलहाल तीन विकल्पों पर चर्चा चल रही है और जमीन मालिकों के साथ सहमति भी एमपीआईडीसी के अधिकारियों द्वारा बनाई मुआवजे का भी रखा गया है।

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