छात्राओं ने कुलगुरु से की शिकायत, एक हॉल में 50 स्टूडेंट्स
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने कुलपति कार्यालय पहुंचकर कुलगुरु प्रो. पांडे को हॉस्टल की समस्याएं बताई हैं। छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल के मैस में खाना बनाने के लिए बर्तन भी उपलब्ध नहीं है। वहीं, एक हॉल में 50 छात्राएं रह रही हैं। यहां न तो पंखा चालू है और ना वाटर कूलर लगा है। कुलगुरु ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को बुलाकर हॉस्टल में जरूरी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई छात्रावास में रहने वाली दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने गुरुवार को कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडे के कक्ष में पहुंचकर हॉस्टल में आ रही परेशानियों से अवगत कराया। छात्राओं ने बताया कि इस बार अधिक छात्राओं को प्रवेश देने के कारण एक हॉल में करीब 50 छात्राएं निवास कर रही है। हाल में पंखे बंद होने के कारण गर्मी और मच्छरों से परेशानी होती है। वहीं हॉस्टल के मैस में खाना बनाने के बर्तन भी उपलब्ध नहीं है। मैस के कई हिस्से जर्जर हो चुके हैं। वाटर कूलर खराब है।
सुरक्षा के लिए रखे गए गार्ड केवल आधे घंटे के लिए हॉस्टल आते हैं। छात्राओं की समस्या सुनकर कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने कुल सचिव डॉ. अनिल शर्मा को छात्रावास में जरूरी कार्य करने के लिए इंजीनियरिंग विभाग को निर्देशित करने के लिए कहा। गौरतलब है कि विक्रम विश्वविद्यालय के रमाबाई कन्या छात्रावास के एक विंग में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग की छात्राएं भी निवास करती है। करीब सात वर्ष पहले हॉस्टल कुछ समय के लिए अजा-जजा विभाग को दिया था। इसके बाद अजा कल्याण विभाग ने हॉस्टल खाली नही किया। ऐसे में अब विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए जगह की कमी होने लगी।
हॉस्टल के ऊपर 50 कमरों का निर्माण होगा
कुलगुरु प्रो. पांडे ने छात्रावास की समस्याओं को देखते हुए कहा कि रमाबाई कन्या छात्रावास के ऊपरी मंजिल पर 50 और कमरे का निर्माण कराया जा रहा है। इसका कार्य अभी कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा। कमरे निर्माण होने के बाद छात्राओं को कक्ष के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं, अन्य व्यवस्था के लिए इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दे दिए हैं। मैस में बर्तन लाने के लिए हॉस्टल की वार्डन को कहा है कि अभी जो बर्तन खाना बनाने के लिए चाहिए वो लेकर बिल ले आएं और राशि सेंक्शन करवा लें।