अभी तक सिर्फ 26 प्रतिशत काम हुआ पूरा, फिर बढ़ाई अवधि
बदनावर, (अल्ताफ मंसूरी) अग्निपथ। क्षेत्र में 1587 करोड़ रुपए की लागत वाली अति महत्वाकांक्षी नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को पूरा करने की अवधि एक बार फिर बढ़ गई है। अब नर्मदा का पानी बदनावर क्षेत्र में पहुंचने में दो साल और लगेंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अब जून 2026 में ही नर्मदा का पानी यहां पहुंचने की संभावना है।
ओएसपी नहर संभाग धामनोद के कार्यपालन यंत्री एएम शिवहरे की ओर से प्रदेश के पूर्व उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को इस बारे में जानकारी दी है। दत्तीगांव को मिले पत्र में विभाग ने नर्मदा प्रोजेक्ट के बारे में बताया। जिसमें 30 जून 2026 तक नर्मदा का पानी बदनावर पहुंचेगा। 1587 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का काम तेलंगाना की कंपनी एस रिवरवोल्ट माइक्रो जेव्ही हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है। कार्य पूरा होने की अवधि 16 फरवरी 2024 थी। जिसमे 15 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है।
बाकी कार्य पूरा करने के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल द्वारा 3 सितंबर 2024 से वापस 30 जून 2026 तक की दूसरी समय अवधि बढ़ाई गई है। पत्र में बताया गया कि अब तक 26.36 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। बाकी कार्य जून 2026 तक पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी द्वारा मेन पॉवर एवं मशीनरी की व्यापक व्यवस्था की गई है।
क्षेत्र के 129 गांवों में पहुंचेगा पानी,
इस योजनांतर्गत मां नर्मदा के पानी से 129 गांवों की प्यास बुझाई जाएगी। साथ ही करीब 50 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई भी होगी। इससे किसान समृद्धि की ओर बढ़ेगा ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी खासी मजबूत होगी। बदनावर विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में भूमिगत पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है।
कोटेश्वर में तत्कालीन सीएम ने किया था भूमिपूजन
नर्मदा घाटी के अंतर्गत मालवांचल में नहर सिंचाई से वंचित क्षेत्रों तक नर्मदा का पानी पहुंचाने के उद्देश्य से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रसिद्ध तीर्थ कोटेश्वर महादेव धाम में तत्कालीन औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव के प्रयास से 26 सितंबर 2020 में नर्मदा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखी थी। तभी से इसका काम चल रहा है।
मनावर से बदनावर आएगा पानी
प्रदेश की सबसे बड़ी और जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी का जल मनावर तहसील के ग्राम महापुरा के समीप नर्मदा नदी से धार सहित बदनावर तहसील के 129 गांवों तक पहुंचेगा। इसमें बदनावर तहसील के 101 तथा धार जिले के 28 गांव लाभांवित होंगे। यहां से 16.02 क्यूमेक जल उद्वहन किया जाएगा। इसके लिए 99.49 मेगावाट विद्युत की अनुमानित खपत होगी। जल का उद्वहन करीब 472 मीटर की ऊंचाई तक रहेगा।
नर्मदा नदी के जल से 50 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की जा सकेगी। संपूर्ण जल प्रणाली भूमिगत पाइप लाइन के जरिए होने से प्रत्येक ढाई हेक्टयेर तक किसान को 23 मीटर दाबयुक्त जल उपलब्ध होगा। इसके बाद क्षेत्र का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा सिंचित हो जाएगा, जिससे यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में कृषि उपज उत्पादन के मामले में मिनी पंजाब का रूप ले लेगा। करीब दो वर्ष में यह योजना पूरी तरह से धरातल पर आ जाएगी। योजना पूरी होने के बाद पांच वर्ष तक इसके संचालन एवं रखरखाव का जिम्मा निर्माण एजेंसी का ही रहेगा।
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने बताया कि नर्मदा प्रोजेक्ट को लेकर गत दिनों मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से चर्चा की थी। जिस पर उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। मैंने प्रोजेक्ट के तहत प्रगतिरत कार्य की जानकारी के लिए पत्र भी दिया था। नर्मदा का पानी बदनावर आने से क्षेत्र की तस्वीर व तकदीर बदल जाएगी। इस प्रोजेक्ट में हमने मुख्यमंत्री से कुछ और गांवों को जोडऩे का भी निवेदन किया है। 2 साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।