कलेक्टर बोले- किन परिस्थितियों में और कैसे हुआ हादसा, एसडीएम जांच करेेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर प्रवेश द्वार नंबर 4 के सामने महाराजवाड़ा स्कूल की दीवार गिरने से शुक्रवार शाम दो लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार सुबह प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी इस हादसे को लेकर स्थल निरीक्षण के लिए उज्जैन पहुंचे। उन्होंने निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने महाकाल दर्शन किए।
कलेक्टर ने कहा कि दीवार गिरने को लेकर एसडीएम उज्जैन जांच करेंगे। किन परिस्थितियों में दीवार गिरी और इसके लिए जिम्मेदार कौन है इसकी पूरी रिपोर्ट एसडीएम कलेक्टर को सौंपेेंगे। इसके बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम तेज बारिश के चलते महाकाल मंदिर के गेट नंबर 4 के सामने दीवार गिरी जिसके मलबे में चार लोग दब गए थे। सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा इन चारों का रेस्क्यू कर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में दो घायलों फरहीन राठौर और अजय योगी की मौत हो गई। हादसे के बाद कलेक्टर सहित पूरा प्रशासनिक अमला घटनास्थल और जिला अस्पताल पहुंचा।
दो लोगों की मौत के बाद दो गंभीर घायलों को इंदौर रैफ र किया गया। जिला अस्पताल में निगम सभापति कलावती यादव, संभागायुक्त संजय गुप्ता, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा और नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे। मुख्यमंत्री डा.ॅ मोहन यादव ने मृतकों को 4-4 लाख रुपए और घायलों के इलाज के लिए 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा कर दी है।
दूसरे दिन शनिवार को सुबह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने इस मामले में जांच के निर्देश दे दिए। कलेक्टर ने कहा कि किन परिस्थितियों में दीवार गिरी, दीवार का निर्माण कब हुआ था, दीवार का निर्माण किसके द्वारा किया गया था और इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं। इन बिंदूओं पर जांच की जाएगी। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से उन्होंने घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की और घटना को लेकर जांच कराने की बात भी कही।
हादसे के बाद जागा प्रशासन, नगर निगम ने महाकाल क्षेत्र से हटाया अतिक्रमण
महाकाल मंदिर के समीप महाराजवाड़ा स्कूल की दीवार गिरने से हुई दो लोगों की मौत के बाद एक बार फिर प्रशासन ने इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। सुबह निगम ने पहले दुकानदारों से मुनादी की कि अपनी अवैध दुकानें स्वयं हटा ले। इसके बाद कुछ दुकानदारों ने स्वेच्छा से दुकान हटा ली लेकिन जिन्होंने नहीं हटाई उनकी दुकानों का अतिक्रमण निगम टीम ने धराशायी कर दिया। निगम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तकरीबन 100 दुकानें के अतिक्रमण इस क्षेत्र से हटाए हैं।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर के चारों तरफ लोगों ने अतिक्रमण कर फूल प्रसादी और अन्य सामानों की दुकानें लगा रखी है। इसकी वजह से आवागमन बाधित होता है। सडक़ पर दुकान लगाकर लोग सडक़ों को जाम कर देते हैं। शुक्रवार को जो हादसा हुआ वो लोग भी सडक़ पर दुकान लगाकर सामान बेचने वाले बताए जा रहे हैं।
इनके अलावा इस क्षेत्र में इसी दीवार के नीचे 20 से ज्यादा लोग दुकानें लगाकर सामान बेचते थे। इस हादसे सबक लेकर प्रशासन ने सडक़ पर अतिक्रमण कर दुकानें संचालित करने वाले सभी अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई की। कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के निर्माण भी कर लिए थे निगम की टीम पक्के निर्माण तोडऩे के लिए जेसीबी लेकर पहुंची थी और जेसीबी से अतिक्रमण हटाए गए।
मृतकों के परिवार और समाजजनों ने मोहन नगर चौराहे पर शव रखकर किया चक्काजाम
महाकाल मंदिर के समीप दीवार गिरने से हुए हादसे में मृत अजय योगी के परिजन और समाजजनों ने शनिवार सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद मोहन नगर चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। परिजनों ने नारेबाजी करते हुए मांग उठाई कि मृतक के परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी मिले और 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इस दौरान आगर रोड़ पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा – यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है क्योंकि जिम्मेदारों की गलती से दो लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शनकारी बोले- इस हादसे को लेकर जिम्मेदार ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज की जाए।
सूचना मिलने पर एसडीएम एलएन गर्ग, सीएसपी सुमित अग्रवाल पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी। कहा कि इस तरह कानून व्यवस्था नहीं बिगाडे। आपकी जो भी मांग है विधिवत जिम्मेदारों सामने रखे। इस हादसे को लेकर जिम्मेदार सजग है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारी मान गए और चक्काजाम समाप्त कर दिया।