नागदा। बारिश मौसम में जितनी बारिश नहीं हुई उतनी बारिश दो दिन में हो गई, जिससे खेतों में पानी भरा गया। जिन किसानों ने सोयाबीन की फसल को काटना शुरु कर दिया था, उनको नुकसानी का सामना करना पड़ रहा है।
गांव बनबना राकेश पाटीदार, रतन्याखेड़ी के स्वनीलसिंह पंवार ने संयुक्त रुप से बताया कि बारिश से सोयाबीन में किसान को काफी नुकसान हुआ है यह तो अभी शुरुवात है बारिश का दौर कब तक जारी रहेगा, यह नहीं पता, लेकिन खेत में पड़ी सोयाबीन की गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे किसान को उसकी उपज का सही मुल्य नहीं मिल सकेगा।
बारिश के पानी से सोयाबीन भी जहरील जानवरों की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता, जिससे सोयाबीन काटने वाले मजदूर भी अब दशहत में काम करेंगे। इधरी पिपल्याशीष के कृषक राहुल चौहान ने बताया कि कटी हुई सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो चूकी है खेतों में इतना पानी भर गया है कि किसान पांच दिन तक खेत में नहीं जा सकता है। चौहान ने सोयाबीन नुकसानी के लिए मुआवजे की मांग की है।
सिमरोल, डाबरी व मकला के खेतों में पानी भर जाने से सोयाबीन की फसल नष्ट
पिछडा मोर्चा मंडल अध्यक्ष लखन गुर्जर ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनो से क्षेत्र में हो रही वर्षा के चलते नागदा तहसील के गांव सिमरोल, डाबड़ी, मकला आदि क्षेत्र के खेतो में पानी भर गया जिससे खेतो में खड़ी सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई है। पानी के भराव के कारण फसल खराब होने से किसानो को लाखो रूपये का नुकसान हो गया है।
गुर्जर ने शासन से मांग की है कि सिमरोल, डाबरी व मकला सहित पुरे क्षेत्र में सर्वे कराया जावे एवं जिन किसानो के खेतो में सोयाबीन की फसल वर्षा से नष्ट हो चुकी है उन्हें मुआवजा दिलवाया जाए। जिससे किसानो को हुए नुकसान की भरपाई हो सके।