सीहोर, अग्निपथ। प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों के हालत बहुत ही दयनीय है। सीहोर मुख्यालय के ग्राम संग्रामपुर के किसानों हर दिन अनूठे तरीके से प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित कर रहे हैं। ग्राम संग्रामपुर के किसानों ने अर्धनग्न होकर पानी में उतरकर खराब हुई सोयाबीन की बिगड़ी फसल का सर्वे शीघ्र कराकर किसानों को मुआवजा व फसल बीमा दिलाने की मांग की है।
खेतों में भरे पानी में हाथों में खराब हुई फसल लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल एमएस मेवाड़ा ने बताया कि तीन-चार दिन से मूसलधार बरसात हो रही है। जिससे किसानों फसल पूर्णत: गल चुकी है और कटी पड़ी सोयाबीन की फसल पानी में डूब गई है। प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं, सर्वे नहीं किया जा रहा है। पीडि़त किसान किसान कटी हुई सोयाबीन अंकुरित हो रही है।
सीहोर जिले के ग्राम संग्रामपुर, चंदेरी, रामाखेड़ी, छापरी, लसूडिय़ा जैसे दर्जनों गांव के किसान खराब हो रही सोयाबीन की फसल को लेकर प्रदर्शन कर आंदोलन किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि विगत् दिनों से मूसलधार बरसात हो रही है और इस वक्त हमारी सोयाबीन की फसल कटी पड़ी है जो कि अंकुरित हो रही है।
पीडि़त किसानों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री व क्षेत्रीय सांसद शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की है कि खराब हुई सोयाबीन की फसल का आरबीसी 6/4 के अंतर्गत सर्वे कराकर उचित राहत राशि व बीमा राशि दिलाई जाए, सोयाबीन की फसल का समर्थन मूल्य 6000 रूपये प्रति क्विंटल किया जाए। किसान व समाजसेवी एम.एस.मेवाड़ा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे किसानों में प्रमुख रूप से मांगीलाल मेवाड़ा, हरिप्रसाद मेवाड़ा, आत्माराम, कमलेश, दीपसिंह, जगदीश, भागमाल, केलाश, राजेश, मोहन, ज्ञानसिंह , जगदीश, गणपत, विनोद आदि शामिल हैं।