उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर हादसा प्रशासन की लापरवाही और व्यापारिक सोच का नतीजा है महाकाल प्रशासन भाजपा और संघ की सोच के द्वारा कार्य कर रही है एक के बाद एक बड़े हादसे के बावजूद भी प्रशासन निष्क्रिय होकर बैठ जाता है।
पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी ने कहा कि हर हादसे के बाद अधिकारी सबक लेने की बात करते हैं लेकिन छोटी मोटी कार्यवाही करके इतिश्री ले लेते हैं । उक्त मामलों को दबा दिया जाता है।
डॉ. जोशी ने कहा कि महाकाल मंदिर के आसपास सैकड़ो अवैध अतिक्रमण है। जिनकी जननी संस्था संघ और उससे जुड़े संगठन व्यक्तियों सहित कई प्रभावशाली लोगों के भी अतिक्रमण है। जिनके प्रभाव में प्रशासन द्वारा इस अवैध अतिक्रमण को नहीं हटाया जाता किंतु कार्यवाही के नाम पर छोटे-मोटे लोगों के अतिक्रमण कर वाहवाही लूट लेते हैं।
व्यवस्था सुधरना तो दूर यहां के कर्मचारी मंदिर से अपनी आय कैसे बढ़ाई जाए इसमें लगे होते हैं। उसी का परिणाम यहा वर्तमान हादसा है जिसमें प्रशासन की लापरवाही से बेगुनाहों की जान गई जिस दीवार से जिला प्रशासन पल्ला झाड़ रहा है।
वह अति प्राचीन बिना नीव की दीवार थी इसके पीछे पक्की दीवार बन गई थी फिर भी पुरानी दीवार को नही हटाया गया जो घोर लापरवाही है। महाकाल मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र ही नहीं पूरे नगर निगम क्षेत्र में यदि कोई गिराऊ, जानलेवा भवन, दीवार पेड़ और कोई भी प्रकार की आकृति हो उसका हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम और जिला प्रशासन की होती है। भले ही वह निजी हो सरकारी संपत्ति हो।
इन बेगुनाहों की मौत के आरोप से प्रशासन, नगर निगम और जनप्रतिनिधि कैसे बच सकते हैं, डॉक्टर जोशी ने कहां कि अच्छा हुआ कोई त्यौहार या सावन के समय यह घटना नहीं हुई नहीं तो और बड़ा हादसा हो सकता था और कहा कि ऐसे कई पुराने नए निर्माण कार्य हैं जो की बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं करते हुए प्रशासन और नगर निगम भाजपा नेताओं की जी हुजूरी में लगा हुआ है प्रशासन की धंधेबाज सोच , और मध्य प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण महाकाल की इस पवित्र तीर्थ नगरी आने वाले समय में और कई बड़े हादसे होने की संभावना बनी हुई है, महाकाल मंदिर ही नहीं मंदिर से जुड़े पूरे पुराने शहर के गिराओ भवन एवं अन्य इमारतें का सर्वे कर बिना किसी राजनीतिक प्रभाव तथा बिना पक्षपात के तत्काल ईमानदारी से हटाया जाना बहुत जरूरी है
कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर पर दर्ज हो मुकदमा
इस पूरी घटना के जिम्मेदार जिला कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर है जिन्होंने यहां पर चल रहे कार्य पर ध्यान नहीं दिया अगर समय रहते इनके द्वारा यहां चल रहे कार्य पर ध्यान दिया जाता तो यह घटना टल सकती थी लेकिन यह कार्यप्रणाली इनकी लापरवाही को दर्शाती है डॉक्टर जोशी नें मुख्यमंत्री मोहन यादवसे मांग कि है की उक्त मामले की उच्च कमेटी बनाकर जांच कराई जाए एवं लापरवाही बरतने वाले जिला कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रकरण दर्ज करें।