शर्मनाक ..महाकाल मंदिर के सहायक प्रोटोकाल कर्मचारी पर महिलाकर्मी ने लगाए गंभीर आरोप

उज्जैन,अग्निपथ। महाकाल मंदिर के सहायक प्रोटोकाल कर्मचारी पर महिला सफाईकर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने बुधवार को कलेक्टर आशीष सिंह को भी शिकायत की है। मामले में मंदिर के सहायक प्रशासक जांच कर रहे है।

नानाखेड़ा स्थित विक्रम नगर निवासी मनीष शर्मा कृषि उपज मंडी में निरीक्षक है। प्रशासन ने उन्हें महाकाल मंदिर में सहायक प्रोटोकाल बना रखा है। मनीष के खिलाफ बुधवार को एक महिला सफाईकर्मी ने अश्लील हरकत, मोबाइल नंबर मांगने की शिकायत कलेक्टर सिंह से की है। आरोप लगाया कि मनीष तीन माह से हरकत कर रहा है और शिकायत की बात कहने पर धमकाता है। शिकायत पत्र पर सात अन्य महिलाकर्मियों ने भी हस्ताक्षर कर आरोपों की पुष्टि की है। मामले में कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए है। शर्मा ने अपना बचाव करते हुए सफाईकर्मी महिलाओं पर गंभीर आरोप लगाए है। वहीं सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने आरोप सिद्ध होने पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

सीसी टीवी कैमरे बताएंगे सच

शर्मा का बचाव करते हुए मंदिर कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कलेक्टर ने नंदी हाल में भीड़ नहीं लगने देने के निर्देश दिए है। महिलाकर्मी मूल काम नहीं कर दर्शनार्थियों को गलत तरीके से प्रवेश कराने का प्रयास करवाती है। सख्ती के कारण शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि परिसर में लगातार घटना होने पर सीसी टीवी कैमरे में कैद हुई होगी, फुटेज चैक करने से सच सामने आ सकता है।

शर्मा ने दी सफाई

मनीष शर्मा मंदिर कर्मचारी नहीं है। जिला प्रशासन ने प्रोटोकाल के लिए भेजा है। शिकायत मिलने पर वापस भेज देंगे। -मूलचंंद जूनवाल, सहायक प्रशासक महाकाल मंदिर

सफाईकर्मी महिलाएं मूल काम पर ध्यान नहीं देती। रुपए लेकर कुछ दर्शनाथियों को नंदी हाल ले आती थीे। सख्ती के कारण कमाई बंद होने व काम करवाने के कारण झूठे आरोप लगा रही हैं। -मनीष शर्मा, सहायक प्रोटोकाल कर्मचारी

हस्तक्षेप -ललित जैन

मंदिर में ऐसे हालातों के जिम्मेदार कौन

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर दुनियाभर के लिए भले अति पूजनीय है, लेकिन यहां के कई कर्मचारी व कुछ पंडे पुजारियों के लिए यह पवित्र स्थल मात्र कमाई का जरिया है। उन्हें दर्शनार्थियों की भावना से नहीं जेब भरने से मतलब है। यहीं वजह है आए दिन दर्शनार्थियों से रुपए लेने के मामले सामने आते रहते है। प्रसाद में धांधली के आरोप भी लगना आम बात है। पूर्व में तो निर्माण के लिए लाया गया तांबा और दान में मिली चांदी चोरी होने की घटनाएं सामने आ चुकी है। प्रशासन सिर्फ व्यवस्थाएं सुधारने का दावा करता रहता है, जबकि ऐसे घटनाओं से मंदिर की छवि धूमिल होती है इस मामले में जांच के परिणाम जो भी हो, लेकिन आरोपों का असर मंदिर पर ही पड़ेगा।

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