मां बगलामुखी के दर्शन को आए भक्तों की परेशानियों का जिम्मेदार कौन..?

नलखेड़ा, (राजेश कश्यप) अग्निपथ। आगर मालवा जिले में नलखेड़ा तहसील में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर इन दिनों लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इन भक्तों में आम लोगों से लेकर मंत्री व न्यायाधीश भी मां के दर पर माथा टेकने आते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वीआईपी सहित इतनी बड़ी संख्या में आस्था का केंद्र बनने के बाद भी मां बगलामुखी मंदिर अभी भी अपने विकास की बाट जो रहा है। मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधा कुछ भी नहीं है।

रविवार को नवरात्रि के चौथे दिन नगर के इतिहास में पहली बार मां बगलामुखी के दर्शन हेतु लाखों श्रद्धालुओ के आगमन के चलते पूरे नगर में यातायात व्यवस्था चौपट हो गई जहां देखो वहां चक्काजाम की स्थिति लगातार बनी रही। जिसके चलते बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के साथ-साथ नगर के लोग भी परेशान होते रहे। भीड़ के कारण बिगड़ी व्यवस्था के आगे प्रशासन नतमस्तक हो गया। सिर्फ थाना प्रभारी शशि उपाध्याय अपने पुलिसकर्मियों के साथ पार्किंग व्यवस्था बहाल करने के लिए जुझती रही। उनकी सूझबूझ से ही काफी समय बाद लोगों को जाम से निजात मिली।

दोपहर 3 बजे पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिर से 2 किलोमीटर दूर सरस्वती शिशु मंदिर के परिसर को अस्थाई पार्किंग स्थल बनाया गया। वहीं से दर्शनार्थियों को पैदल मंदिर भेजा। जिसके चलते छोटे बच्चे गर्मी में पैदल चलकर रोते बिलखते रहे। उन्हें मंदिर में पहुंचकर भी न तो पीने का पानी उपलब्ध हुआ न ही छांव में बैठने की जगह।

मंदिर के आसपास अवैध निर्माण

मां बगलामुखी मंदिर समिति के अधिकारियों ने मंदिर को सिर्फ प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। जिसका खामियाजा दूर-दूर से माता रानी के दर्शन करने आए दर्शनार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन की उचित कार्य योजना नहीं होने के चलते मंदिर के आसपास लगी शासकीय एवं मठ मंदिर की जमीनों पर भूमाफिया द्वारा कब्जा कर लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है।

प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जेब भरो की नीति के चलते अवैध कब्जे पर रोक नहीं लग पा रही है। यही कारण है कि मां बगलामुखी मंदिर में जगह की कमी के कारण अव्यवस्थाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

शायद कोई हादसा घटित होने के बाद जागेगा प्रशासन

मंदिर में रविवार को हुई भारी भीड़ एवं ग्राम गुदरावन से मां बगलामुखी मंदिर तक वाहनों के लगे जाम एवं मंदिर परिसर में भारी भीड़ जमा होने के बाद भी माता रानी की कृपा से भगदड़ जैसी कोई अनहोनी घटना घटित नहीं हुई। प्रशासन को रविवार को मंदिर परिसर में हुई अव्यवस्था से सबक लेकर मंदिर की उचित कार्य योजना बनाकर मंदिर के आसपास शासकीय एवं मठ मंदिर की जमीन को भूमाफियाओं के चुंगल से मुक्त कराकर मंदिर का विकास करना चाहिए।

जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना न करना पड़े व नगर की छवि भी धूमिल ना हो। इस सबके बीच आम नागरिकों के जेहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि लाखों दर्शनार्थियों को हुई परेशानियों का जिम्मेदार कौन…?

Next Post

बालिका का अपहरण और दुष्कर्म करने वाले को 10 साल की कैद

Mon Oct 7 , 2024
धार, अग्निपथ। नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के सात साल पुराने मामले में कोर्ट ने दोषी युवक को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। मामले में जमानत के बाद फरार आरोपी को राजोद पुलिस ने करीब चार महीने पहले ही गिरफ्तार किया था। उसके बाद लगातार सुनवाई करते हुए […]