नंदीहाल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रोटोकॉल कर्मचारी किया नियुक्त, अब चुनिंदा ही कर पा रहे प्रवेश
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार से नंदीहाल में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। नंदीहाल में केवल वही व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे जिनके पास नंदीहाल में प्रवेश के लिए प्रोटोकॉल पर्ची होगी। इसको देखते हुए नगाड़ा गेट प्रवेश के पहले द्वार पर प्रोटोकॉल कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
जिला प्रोटोकॉल द्वारा वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए प्रोटोकॉल पर्ची नंदीहाल के लिए जारी की जाती है। लेकिन प्रोटोकॉल से सामान्य दर्शन करने वाले भी नगाड़ा गेट में भीड़ बढ़ाकर नंदीहाल में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। जिसके चलते अव्यवस्था का माहौल हो जाता है और इस दौरान आर्थिक कमाई के स्त्रोत भी नंदीहाल में मौजूद कर्मचारियों के लिए खुल जाते हैं। ऐसे में नंदीहाल में भीड़ बढऩे का फायदा ऐसे श्रद्धालु जिनको नंदीहाल में प्रवेश की पात्रता नहीं दी गई है, भी उठा लेते हैं। ऐसे में नंदी हाल में भारी भीड़ का जमावड़ा हो जाता है।
प्रोटोकॉल कर्मचारी नियुक्त किया
जिला प्रोटोकोल द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए बुधवार से नई व्यवस्था शुरू की गई है। जिसके तहत नगाड़ा गेट के पहले प्रवेश द्वार पर प्रोटोकॉल कर्मचारी को नियुक्त किया गया है । जोकि नगाड़ा गेट के दूसरे प्रवेश द्वार के पहले खड़े होकर पंडे पुजारियों और नंदीहाल में प्रवेश की पात्रता रखने वाले प्रोटोकॉल पर्ची धारक श्रद्धालुओं को तभी प्रवेश दे रहा है। जब उनके पास प्रोटोकॉल पर्ची हो। इससे नंदीहाल में होने वाली बिना नंदीहाल में प्रवेश पात्रता रखने वाले प्रोटोकाल श्रद्धालुओं की भीड़ कम हो गई है। ऐसे में बुधवार-गुरुवार को काफी कम संख्या में नंदीहाल में श्रद्धालुओं का प्रवेश हो पा रहा है।
सेटिंग से हो जाता था प्रवेश
ऐसे प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालु जिनकी अनुमति नंदीहाल की नहीं है। वह भी नगाड़ा गेट पर खड़े हो जाते हैं और नंदीहाल में सेटिंग की जुगाड़ से प्रवेश कर जाते थे। अनावश्यक भीड़ बढ़ाकर व्यवस्था को प्रभावित करते थे। इनमें पंडे-पुजारियों के यजमान से लेकर सेटिंग करवाने वाले लोगों के श्रद्धालु भी शामिल रहते थे। ज्ञातव्य रहे कि एक पुरोहित को प्रतिदिन दो प्रोटोकॉल पर्ची देने का विधान है। लेकिन इस गंगा में सभी हाथ धोकर व्यवस्था को बिगाडऩे में सहयोग प्रदान कर रहे थे।