मुख्यमंत्री को दिया प्रस्ताव, तैराक दल ने भी पत्नी को सरकारी नौकरी पर रखने के लिए दिया धरना
उज्जैन, अग्निपथ। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बाहर से आए श्रद्धालुओं की शिप्रा में डूबने से बचाने के दौरान मौत के मुंह में चले गए पंकज चावड़ा को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिए जाने के साथ 25 लाख रुपए की आथिक सहायता और उसके किसी परिजन को शासकीय नौकरी दिए जाने की मांग की है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बाहर से आए चार श्रद्धालुओं की जान बचाने में अपनी जान की परवाह नहीं की और पंकज चावड़ा ने अपना बलिदान कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस आशय का प्रस्ताव रखते हुए 25 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने के साथ वीरता पुरस्कार और आजीविका के लिए उसके परिवार के किसी परिजन को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
धरने के दौरान जिला प्रशासन से मांग की गई है कि आए दिन शिप्रा में बाहर से आने वाले श्रद्धालु गहरे पानी में चले जाने की वजह से कई लोग मौत के शिकार हो जाते हैं और कई लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से मारे जाते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से राम घाट पर एक एंबुलेंस के साथ ऑक्सीजन का सिलेंडर मास्क आदि उपलब्ध कराए जाने की मांग की है ताकि लोगों का जीवन बचाने में शासकीय सुविधा मदद कारगर सिद्ध हो।
शहीद दर्जा दिए जाने के लिए तैराक दल का धरना
इधर मां शिप्रा तैराक दल के सदस्यों ने गुरुवार को शिप्रा तट पर अपने साथी पंकज चावड़ा के निधन पर श्रद्धांजलि देने के बाद धरने का आयोजन किया। जिसमें पंकज को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उसकी पत्नी को आजीविका चलाने के लिए सरकारी नौकरी पर रखा जाए।