इन दिनों महंगाई डायन ऐसे पैर पसार रही है मानों वो हर जरूरत की चीज को अपनी चपेट में लेना चाहती हो। कोरोना काल में ९८ दिन के लॉकडाउन के बाद चरमराई अर्थव्यवस्था ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया। लॉकडाउन हटने के साथ ही हर वर्ग के व्यापारी ने बिना कारण ही हर जरूरत के सामान के दाम बढ़ा दिए और जबाव एक ही दिया कि आगे से ही भाव बढ़ रहे हैं।
खान-पान, राशन से लेकर हर दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दाम आसमान को छूने लगे। रही-सही कसर पेट्रोल-डीजल के दामों ने कर दी। केंद्र और राज्य सरकारों के मनमाने टैक्स के कारण पेट्रोल आज 100 रुपए ्रप्रति लीटर से मात्र 12 पैसे दूर हैं। अब सरकार का नया फरमान आया है कि 1 मार्च से बस का सफर भी महंगा होगा। कोरोना काल के बाद से सभी ट्रेनें स्पेशल बनकर चल रही हैं और उसका किराया भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ा हुआ है।
पहले से ही महंगा बसों का सफर भी अब और महंगा हो जाएगा। दूसरी ओर दूध व्यापारी भी जल्दी से दूध के भाव भी बढ़ाने का ऐलान करने की तैयारी में है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आम आदमी को राहत कहां है। महंगाई डायन क्या सबको खाएगी।