प्रशासन की ओर से आने वाले वीआईपी और प्रोटोकॉल दर्शनाथियों के आरती में शामिल होने की सूचना पहले देना अनिवार्य
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती की व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। मंदिर प्रशासन ने वीआईपी और प्रोटोकॉल भक्तों के साथ-साथ शासकीय सत्कार कर्मचारियों के प्रवेश पर नई पाबंदियां लगाई हैं। अब भस्म आरती के दौरान सत्कार कर्मचारी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह कदम मंदिर में भीड़ नियंत्रण और अधिक भक्तों को सहज दर्शन का मौका देने के लिए उठाया गया है।
महाकाल मंदिर में शहर के अलग-अलग विभागों से आने वाले प्रोटोकॉल भक्तों की भस्म आरती के दौरान उज्जैन में कार्यरत सत्कार कर्मचारी, भक्तों के साथ मंदिर में आकर उनके लिए जगह रोकने, व्यवस्था करने और भस्म आरती खत्म होने तक पूरे समय उनके साथ रहते थे।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि शासकीय विभागों के सत्कार कर्मचारियों को भस्म आरती के दौरान मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती में प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था, शासकीय विभागों के माध्यम से भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले विशिष्ट या अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं के साथ, केवल मानसरोवर भवन तक सीमित रहेगी।
यह रहेगी व्यवस्था
अब शासकीय विभाग के सत्कार कर्मचारी भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं को मानसरोवर भवन के सत्कार कक्ष में लेकर आयेंगे। सत्कार कक्ष से मन्दिर के कर्मचारियों द्वारा ही अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था की जायेगी।
वीआईपी भक्तों को 1 दिन पहले सूचना देने का फैसला
भगवान श्री महाकालेश्वर की सुबह की भस्म आरती के दौरान नंदी मंडपम की व्यवस्था अब विभागों के माध्यम से की जाएगी। विशिष्ट या अतिविशिष्ट श्रद्धालुओं की सूची एक दिन पहले विभाग के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित होकर प्रशासक कार्यालय में जमा करनी होगी। यह सूची रात्रि 8 बजे तक उपलब्ध करानी जरूरी होगी। मंदिर प्रशासक ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।