आवारा पशु मुक्त होगा उज्जैन; 350 लाख की लागत से कपिला गौशाला का होगा विकास

सी.एन.जी. का होगा निर्माण, पर्यटन केन्द्र बनेगी गौशाला , क्षमता बढक़र होगी 4000

उज्जैन, अग्निपथ। क्या आप जानते हैं? एशिया ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी सौगात होने का गौरव हमारे देश को प्राप्त है। राजस्थान के सांचौर जिले के पचमेड़ा में स्थित गौशाला दुनिया में सबसे बड़ी है। मात्र 1800 की आबादी वाली पचमेड़ा गाँव में चौधरी कालबी जाति के लोग बहुतायत में है। 830 हेक्टेयर (8,98,10,763.91 यानि 8 करोड़ 98 लाख 10 हजार 763 स्क्वेयर फीट) में फैली इस विशालकाय गौशाला में वर्तमान में 1 लाख पच्चीस हजार गाये हैं। बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी के अनुसार देश में इस समय 7676 गौशालएं संचालित हो रही हैं। हमारे मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला लालतीपाड़ा गौशाला ग्वालियर में है जिसे ग्वालियर नगर पालिक निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में इसमें 8000 से अधिक गाये हैं। और हाँ इस गौशाला में गायों के गोबर से सी.एन.जी. के उत्पादन के लिये प्लांट भी है। उज्जैनवासियों के लिये एक सुखद समाचार यह है कि प्रदेश की दूसरी बड़ी गौशाला होने का गौरव हमें वर्ष 2025 में प्राप्त हो जायेगा।

अग्निपथ से एक खास मुलाकात में नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक ने बताया कि संवेदनशील और गौसेवक मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सह्दयता का परिचय देते हुए रत्नाखेड़ी स्थित कपिला गौशाला जिसका संचालन नगर पालिका निगम द्वारा महाराज अच्युतानंद जी के सहयोग से किया जा रहा है, उसके विकास एवं उन्नयन हेतु 3 करोड़ 50 लाख की राशि स्वीकृति प्रदान की है।

प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 10556/07/2024 दिनांक 9 सितंबर 2024 द्वारा इस संबंध में पत्र भी प्राप्त किया जा चुका है।

पाठक ने बताया कि 32.41 बीघा (7 लाख 29 हजार 439 स्क्वेयर फीट) में स्थापित कपिला गौशाला में वर्तमान में 800 गायों की क्षमता के एवज में 1478 गायें निवासरत है। अब इस कपिला गौशाला की क्षमता बढ़ाकर 4000 गौवंश की हो जायेगी। यहाँ पर 80 फीट चौड़े 200 फीट लंबे 6 शेडों का निर्माण और किया जायेगा। इस संबंध में निविदा जारी कर दी गयी है जिसे 25 अक्टूबर को खोला जायेगा।

निगमायुक्त ने बताया कि वर्तमान में नगर पर विचरण कर रहे आवारा पशुओं की संख्या लगभग 1500 है। अभी समस्या यह है कि गायों को पकडक़र छोड़ा कहाँ जाय? क्योंकि निगम द्वारा संचालित खिडक़ एवं कपिला गौशाला की क्षमता से दोगुने पशु वहाँ पर है। इसी कारण पकड़े गये आवारा पशुओं को अब वहाँ पर रखा जाना संभव नहीं है, परंतु शासन से 3 करोड़ 50 लाख राशि प्राप्त हो जाने पर 5-6 माह में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

रत्नाखेड़ी स्थित कपिला गौशाला में वर्तमान में निवासरत गायों से 45 लीटर दूध प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है जिससे निकट भविष्य में 100 लीटर प्रतिदिन होने की संभावना है, इसके साथ ही गौशाला में एकत्र गोबर को विक्रय किये जाने हेतु निविदा शीघ्र ही जारी की जा रही है जिससे 8 से 10 लाख का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।

आशीष पाठक ने बताया कि कपिला गौशाला को आदर्श गौशाला के रूप में विकसित किया जायेगा। वहाँ पर गोवंश से सी.एन.जी. गैस उत्पादन प्लांट लगेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि कपिला गौशाला में निर्माण पूर्ण होने के बाद शहर को आवारा पशु मुक्त करने में सुगमता होगी साथ ही गौशाला एक पर्यटन केन्द्र के रूप में दृष्टिगोचर होगी।

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