सोने से घडावन पड़ी महंगी, लागत ज्यादा पैदावार कम
रुनीजा (बडऩगर), अग्निपथ। सोने से घड़ावन महंगी, यह कहावत बडऩगर तहसील के गांव अजड़ावदा के किसान हीरालाल पाटीदार के लिए पूरी तरह चरितार्थहो गई है। जिसमें उन्होंने अपने खेत से काटी गई पीले सोने (सोयाबीन) की फसल से फायदा न होते देख दुखी होकर पाटीदार ने सोयाबीन के ढेर को देखते देखते आग लगाकर राख का ढेर बना दिया।
बताना होगा कि पाटीदार ने अपने 28 बीघा खेत में आरवीएसएम 1135 वेरायटी की सोयाबीन लगाई थी। 14 बीघा की सोयाबीन फसल को मजदूरों से कटवाकर ढेर लगा दिया था तथा 14 बीघा में फसल खड़ी थी। प्राकृतिक आबदा के कारण किसान की किस्मत ने साथ नही दिया और जब थ्रेशर मशीन से सोयाबीन निकालना प्रारम्भ की तो उत्पादन देख किसान के होश उड़ गए और उसने अपने हाथों से ही अपनी खून पसीने की मेहनत वाली 14 बीघा की सोयाबीन फसल के ढेर को आग के हवाले कर दिया।
इस बारे में पत्र प्रतिनिधि को पाटीदार ने बताया कि सोयाबीन फसल में काफी नुकसान हुआ है। फसल खराब होने से मेरा खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। मात्र 20 से 25 किलो सोयाबीन एक बीघा में से निकली। जिसमें सोयाबीन निकालने वाली मशीन का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा था। इस कारण 14 बीघा खेत की सोयाबीन फसल को मेने आग लगा दी।
14 बीघा की सोयाबीन हार्वेस्टर मशीन से कटवाई जिसमें 4-5 थैले भराये है। जबकि हार्वेस्टर वाले को ही 30 हजार रु फसल कटाई के देने है। ऐसे में लागत अधिक होने के चलते लगभग 2 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। बीमा कम्पनी व कृषि अधिकारी आदि के बारे में कहना था कि सभी लोग आकर फसल देख कर गए है। आस पास जिन किसान भाईयो ने आरवीएसएम 1135 बोयी है। उन सभी का नुकसान हुआ है।
इनका कहना
पाटीदार के खेत की सोयाबीन को पीला फंगस लग गया था। बाद में ज्यादा बारिश के कारण सोयाबीन खराब हो गई थी। मौका मुआयना कर फसल के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट दे दी थी। सोयाबीन जलाने की जानकारी भी तहसीलदार को दे दी है। – सतीश शर्मा हल्का पटवारी
आपके द्वारा फसल जलाने की जानकारी दी है। दिन में किसान के खेत पर जाकर मौका पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देंगे।
-पूजा जजमे कृषि विस्तार अधिकारी अजडावदा