जिस हाथ में कैंसर की गांठ उसे मोड़ा, 30 पैरासिटामॉल की गोली खिलाई
उज्जैन, अग्निपथ। ओटी में लेब टैक्नीशियन उज्जैन की 24 वर्षीय युवती सहारा जायसवाल ससुराल वालों की प्रताडऩा का शिकार होकर तड़प तड़प कर मौत के मुंह में समा गई। मां प्रभा जायसवाल ने आरोप लगाया कि बेटी को कैंसर था, ससुराल वालों ने सोचा बीमार बेटी से शादी करेंगे तो अच्छा दहेज मिलेगा, उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला तो समय से पहले ही बेटी को प्रताडऩा देकर मार डाला।
अब अपनी बेटी सहारा की मौत के बाद से मां पुलिस थानों के चक्कर काट रही है और बेटी के लिए न्याय की गुहार लगा रही है। मां प्रभा ने पुलिस प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बेटी को इंसाफ दिलाने का अनुरोध किया है।
इंदौर रोड स्थित डेंडिया में रहने वाली सहारा जायसवाल एसएन कृष्णा हॉस्पिटल में ओटी टेक्निशियन थी। प्रभा जायसवाल ने बताया कि 16 जुन 2024 को देव टांक निवासी पुष्कर के साथ सहारा की शादी हुई थी। जिसके ससुर महेश टांक, सास पुष्पा टांक, देवर हनी टांक ने शादी के बाद से ही सहारा को प्रताडि़त करना शुरू कर दिया।
मां प्रभा ने कहा शादी के पहले ही सहारा के हाथ में कैंसर की गठान होने के बाद भोपाल में ऑपरेशन कराना चाहती थी, लेकिन ससुराल वालों ने मना कर दिया। उन्होंने जिद कर जयपुर में कैंसर हॉस्पिटलों में दिखाया। इलाज प्रारंभ होने के बाद ससुराल वालों ने 15 दिन में शादी का कहा, और कहा कि हमारी कोई मांग नहीं। फेरे वाले दिन मां ने 50 हजार, दो अंगूठी, सोने की चैन दी। तो ससुराल वाले नाराज हो गए कि इतने कम पैसे। देव घोड़ी पर चढऩे को भी तैयार नहीं हुआ। हाथ पांव जोड़े कहा बेटी को कैंसर है, ऐसा मत करो, सबके समझाने पर शादी हुई।
इलाज की जगह घर लेकर कराने लगे झाड़ फूंक
शादी के दो दिन बाद ही 18 जून को दिखाने गये तो डॉक्टर ने भर्ती करने को कहा लेकिन सहारा को भर्ती नहीं कराया। वापस घर ले गए और झाड़ फूंक करने लगे। मां को पता चला तो फोन पर ससुराल वालों से इलाज कराने को कहा। ससुराल वालों ने कहा 5 लाख दे दो इलाज करा देंगे। ऐसे में मां प्रभा ने पहले किराये के पैसे 5 हजार दिये और कहा अहमदाबाद लेकर चलो, वहीं मैं कुछ और इंतजाम कर दूंगी।
पैसों का इंतजाम नहीं होने पर वहां भी भर्ती नहीं किया। ऐसा करते हुए 41 दिन निकाल दिये। पग फैरे के लिए भी वापस नहीं भेजा, कहने लगे पैसा लाओं और ले जाओ, ससुराल वालों ने कहा सोचा था कैंसर वाली छोरी से शादी करेंगे तो 20-25 लाख दोगे तुमने तो 5 लाख में ही टरका दिया। इसके बाद प्रताडि़त करने लगे। जैसे तैसे अहमदाबाद इलाज के लिए लाने के लिए मनाया, लेकिन पैसे नहीं मिले तो जिस होटल में पति और सास के साथ सहारा रूकी थी वहीं उसके साथ मारपीट की, कैंसर वाला हाथ मोड़ दिया।
रोने लगी तो जबरदस्ती 30 पैरासीटामाल खिला दी। सहारा भागकर अस्पताल पहुंची। सहारा वीडियो के माध्यम से सारी जानकारी मां को भेजती रही। मां प्रभा ने कहा मैने फोन लगाकर देव से गुडिय़ा को बचाने की मिन्नत की लेकिन मां बेटे दोनों वहां से भाग गए। इसके बाद अहमदाबाद में पुलिस थाने में बेटी पहुंची। यहां पुलिस के बुलाने पर ससुराल वाले सहारा के सामने गिड़गिड़ाने लगे, माफी मांगने लगे।
मां प्रभा ने बताया कि सहारा भोली और अकेली थी उसने ससुराल वालों को माफ कर दिया। लेकिन यहां से ससुराल वाले निकलते ही सहारा को सडक़ पर ही छोडक़र चले गए और सभी ने मोबाईल बंद कर लिये। मां प्रभा सहित अन्य रिश्तेदार उज्जैन से अहमदाबाद पहुंचे और उन्होंने सहारा को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।
ससुराल वाले सहारा की सारी रकम, मंगलसूत्र लेकर चले गए। रिश्तेदारों से चर्चा की बेटी का मंगलसूत्र लोटाने की गुहार लगाई तो कहा पहले 5 लाख दो, नहीं तो कल मरती है तो आज मर जाए। सहारा मानसिक रूप से परेशान रहने लगी। देव के हाथ पैर जोड़े, उनकी मोसी, रिश्तेदारों के हाथ पैर जोड़े, लेकिन किसी ने कोई दया नहीं की।
बेटी तड़पते तड़पते 25 सितंबर 2024 को दुनिया से चली गई। इसके बाद से मां प्रभा उज्जैन में थानों के चक्कर काट रही हैं लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ससुराल वाले अंतिम यात्रा में भी नहीं आए। मां प्रभा ने पुलिस प्रशासन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उज्जैन की बेटी को इंसाफ दिलाते हुए दोषी ससुराल वालों को कठोर दंड देने की गुहार लगाई है।