सीएचसी नरवर के डॉक्टर्स और स्टाफ की सीएम हेल्पलाइन पर लगातार शिकायतें

कारिडोर में डिलेवरी मामले में रैफर को बनाया आधार, दूसरी बार सीएमएचओ के निरीक्षण के दौरान भी डॉक्टर्स अनुपस्थित मिलीं

उज्जैन, अग्निपथ। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नरवर (सीएचसी) में इसी अक्टूबर माह में एक प्रसूता की डॉक्टर की अनुपस्थित के कारण कारीडोर में ही हो गई थी। वहीं एक अन्य प्रसूता गर्भवती थी और पेट दर्द को लेकर यहां पर आई थी, लेकिन सुबह हास्पीटल का स्टाफ नदारद था, जिसकी वजह से उसको भी एक निजी हास्पीटल में भर्ती किया गया। इसकी शिकायत प्रसूता के पति ने सीएम हेल्पलाइन पर कर दी थी। इसी स्वास्थ्य केन्द्र में 18 अक्टूबर को सीएमएचओ ने औचक निरीक्षण किया तो तीन डॉक्टर अनुपस्थित मिले। आखिरकार इतनी बड़ी लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग मौन धारण कर क्यों बैठा है?

घटना नंबर-1. कारिडोर में डिलेवरी

सीएचसी नरवर में दोपहर 2.30 बजे प्रसूता अरुणा पति नरेन्द्र निवासी नरवर डिलेवरी हेतु आई थी। इस दौरान रोस्टर के हिसाब से डॉ. राजलक्ष्मी भदौरिया की ड्यूटी दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक थी। नियमानुसार उनको उपस्थित रहना था लेकिन डॉ. राजलक्ष्मी भदौरिया दोपहर 4 बजे आयी थी। जबकी हितग्राही की डिलेवरी दोपहर 3.30 बजे ही हॉस्पिटल के कॉरीडोर में हो गई थी।

डॉक्टर राजलक्ष्मी की अनुपस्थिति के कारण उसे ऊपर डिलेवरी रूम में ना ले जाकर हॉस्पीटल के कारीडोर में रखा गया था। उस वक्त डॉ. अलीशा डेंटिस्ट एवं नर्सिंग ऑफिसर सोनाली चौहान उपस्थित थे। डॉ. राजलक्ष्मी को ना देखकर नर्सिंग ऑफिसर सोनाली चौहान ने आशाओं के साथ मिलकर कॉरीडोर में ही डिलेवरी करवाई।

इस दौरान मार्निंग शिफ्ट में डॉ. प्रियंका जथार की ड्युटी सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक थी किन्तु वे भी बिना रिलीवर के मुख्यालय छोडक़र अपने घर उज्जैन चली गई थी और यह शर्मनाक घटना घट गई। नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौस्तुभ देशपांडे ने इस घटना से बीएमओ डॉ. नवनीतसिंह को अवगत करवाते हुए कहा था कि ऐसी घटना में कोई जनहानि भी हो सकती थी। दोनो एलएमओ कभी भी समय पर ड्यूटी पर नही आती हैं तथा कभी भी बिना सूचना के अनुपस्थित हो जाती हैं। लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।

घटना नंबर-2. सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत के बाद जागे

एक दूसरे मामले की शिकायत प्रसूता सीमा के पति ने सीएम हेल्पलाइन पर की थी। जिसका शिकायत क्रमांक 20043742 है जोकि बीएमओ डॉ. नवनीत सिंह को प्राप्त हुई, जिस पर बीएमओ कार्यालय से शिकायतकर्ता से दूरभाष पर चर्चा की गई।

जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है कि शिकायतकर्ता 17 सितम्बर को प्रात: 10 बजे सीएचसी नरवर पर मरीज को लेकर इलाज करवाने आया था। मरीज गर्भवती थी एवं उसके पेट में दर्द हो रहा था। परन्तु उस समय अस्पताल में चौकीदार के अलावा कोई अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित नहीं थे, जिस वजह से शिकायतकर्ता द्वारा मरीज को अमलतास अस्पताल ले जाकर दिखाना पड़ा।

घटना नंबर-3. सीएमएचओ के निरीक्षण में अनुपस्थित

18 अक्टूबर को सीएमएचओ डॉ. अशोककुमार पटेल शाम को जब नरवर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो सिर्फ एक स्टाफ नर्स व कर्मचारी मौजूद मिले, जबकि डॉक्टर गायब थे। इसे लेकर सीएमएचओ जमकर नाराज हुए व हाजिरी रजिस्टर चैक किया। इसमें तीनों की अनुपस्थिति लगाई। औचक निरीक्षण के दौरान डॉ. राज लक्ष्मी, डॉ. नेहा और डॉ. प्रजेश अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए। तीनों डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत तीन दिन का वेतन कटौती का निर्णय लिया गया।

इनका कहना

कारिडोर में प्रसूति वाले मामले में सीएमएचओ को स्पष्टीकरण भेज दिया गया था। इसमें प्रसूता को पहले ही ब्लीडिंग होने के चलते रैफर कर दिया गया था। उनके पति कहीं चले गयेे थे। इस दौरान डिलेवरी कारिडोर में हो गई। वहीं सीएम हेल्पलाइन पर की गईं तीन शिकायतों को सीएमएचओ को भेजा जा रहा है।
– डॉ. नवनीतसिंह, बीएमओ ताजपुर

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