पहली बार साहित्य विक्रय के स्टॉल लगेंगे, अहिल्याबाई के जीवन पर प्रदर्शनी भी देखने को मिलेंगी
उज्जैन, अग्निपथ। कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा इस वर्ष आयोजित किए जाने वाले सप्त दिवसीय कालिदास समारोह के दौरान पहली बार महाकवि कालिदास और अन्य साहित्य के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इससे देश-विदेश से आने वाले विद्वानों को साहित्य की जानकारी प्राप्त होगी और वे साहित्यिक सामग्री खरीद भी सकेंगे। साथ ही, अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी भी होगी।
कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन इस वर्ष 12 नवंबर से 18 नवंबर तक होगा। इस वर्ष विशेष यह है कि इस बार समारोह में भारत के अलावा पोलैंड, यूके, रूस, मलेशिया, अमेरिका और नेपाल से भी विद्वान और कलाकार शामिल होंगे। समारोह के दौरान पहली बार स्टॉल लगाकर कवि कालिदास से जुड़े व अन्य साहित्य विद्वानों के अवलोकन विक्रय के लिए रखें जाएगे।
अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गन्धे ने बताया कि पिछले 30-35 वर्षों से साहित्य के अनेक प्रकाशन किए गए हैं। समारोह के दौरान देशभर के विद्वान और शोध छात्र यहां आते हैं। हमारे प्रकाशन ग्रंथालय या शोध केंद्र में होने के कारण विद्वानों को जानकारी नहीं मिल पाती थी। इस बार हम हमारे साहित्य की प्रदर्शनी लगाएंगे और इसे विक्रय के लिए भी उपलब्ध कराएंगे, ताकि देश और विदेशों से आए विद्वान हमारे साहित्य को अपने साथ लेकर जा सकें, जिससे साहित्य का व्यापक उपयोग होगा।
अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी भी लगेगी
कालिदास समारोह के दौरान दूसरा महत्वपूर्ण आयोजन देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर आधारित प्रदर्शनी का होगा। इसमें उनके कार्यों, प्रशासनिक गुणों और महान व्यक्तित्व को प्रदर्शित किया जाएगा। डॉ. गन्धे ने कहा कि महाकवि कालिदास, देवी अहिल्याबाई होलकर, विक्रमादित्य और महाकाल हमारे क्षेत्र के महान प्रतीक हैं, और हम चाहते हैं कि इन सभी की जानकारी एक ही स्थान पर मिले।
शुभारंभ के लिए उपराष्ट्रपति को आमंत्रण
समारोह के शुभारंभ अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और रामजन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविंददेव गिरि को आमंत्रित किया गया है। शुभारंभ से पहले माँ गढक़ालिका मंदिर में वागार्चन होगा। वहीं, 11 नवंबर को सुबह शिप्रा तट से कलश यात्रा निकाली जाएगी और शाम को नांदीपाठ होगा। इस बार समारोह में भारत के साथ-साथ पोलैंड, यूके, रूस, मलेशिया, अमेरिका और नेपाल से विद्वान और कलाकार शामिल होंगे।
सांस्कृतिक आयोजन के कलाकार तय हुए
इस वर्ष कालिदास समारोह में कालिदासमहोत्साहम् का मंचन किया जाएगा। कथक नृत्यांगना राजश्री शिर्के मेघदूतम् पर आधारित नृत्य प्रस्तुत करेंगी। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल के नाट्य अनुसंधान केंद्र द्वारा मृच्छकटिकम् पर आधारित वसंत सेना नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी।
हैदराबाद की श्रीवल्ली गुरु रश्मि मेनन के साथ मोहिनीअट्टम और मणिपुरी नृत्य प्रस्तुत करेंगी। शास्त्रीय संगीत गायक राहुल देशपांडे शास्त्रीय गायन करेंगे। अश्विन दळवी द्वारा सुरबहार वाद्य का वादन किया जाएगा। भोपाल की अनुराधा सिंह घुंघरू वादन करेंगी।
दिल्ली की नृत्यांगना आरोही आठवले कथक नृत्य प्रस्तुत करेंगी। सारस्वत आयोजन के तहत संस्कृत कवि सम्मेलन में देश के 20 राज्यों के संस्कृत कवि और मलेशिया, पोलैंड, नेपाल के कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे।