उज्जैन। जल योद्धा तैराक पंकज चावड़ा (गम्भीर) जिन्होंने खुद की जान पर खेलकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई, स्वयं के प्राणों का बलिदान कर दिया। रामघाट पर दर्शनार्थी मामी-भांजे को शिप्रा नदी में डूबने से बचाया लेकिन खुद गहरे पानी से बाहर नहीं निकल पाए। इस घटना में उनकी दु:खद मृत्यु हो गयी है।
फोटोग्राफी करके परिवार की आजीविका चलाने वाले पंकज जी आप पर उज्जैन के हर नागरिक को गर्व है। आप सदैव प्रेरणापुंज की तरह हम सभी के ह््रदय में विराजित रहेंगे।
उक्त बात भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश खेल प्रकोष्ठ पदाधिकारियों ने शुक्रवार को जलयोद्धा तैराक पंकज चावड़ा को रामघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। इस अवसर पर हरीश शुक्ला, दिलीप जोशी, आनंद पारीक, अजय राजपूत, विनोद चौरसिया, हिमांशु व्यास, संतोष सोलंकी, कोमल विभाल सहित सैकड़ों की संख्या में राम घाट पर तैराक बंधु उपस्थित थे। सभी खिलाडिय़ों ने श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्प अर्पित किए। खेल प्रकोष्ठ प्रदेश सहसंयोजक राकेश तिवारी ने कहा कि राज्य शासन ने परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 40 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। सरकार से प्रयास किया जाएगा कि उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिया जाए।