छोटे से छोटे संतों को पक्का निर्माण बनाने की अनुमति मिले- महंत रामेश्वरदासजी

उज्जैन अखाड़ा परिषद चुनाव

उज्जैन अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों का वैष्णव संतों ने किया सम्मान

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन अखाड़ा परिषद का चुनाव शनिवार को संपन्न हुए, जिसमें सर्वसम्मति से महंत डॉ रामेश्वर दास महाराज को अध्यक्ष, श्रीमंत रामेश्वर गिरी महाराज को महामंत्री और महंत भगवानदास महाराज को कोषाध्यक्ष बनाया गया। साथ ही अन्य पदाधिकारी के चुनाव संपन्न हुए थे। रविवार को सभी पदाधिकारियों का वैष्णव संतों के द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उनका सम्मान किया गया।

इस अवसर पर स्थानीय अखाड़ा परिषद उज्जैन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अध्यक्ष रामेश्वर दास, महामंत्री रामेश्वर गिरी, कोषाध्यक्ष भगवानदास जी महाराज समेत अन्य पदाधिकारियों का स्वागत उज्जैन के स्थानीय संत और महंतों ने किया। स्वागत कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत दिग्विजय दास जी महाराज निर्वाणी अणि अखाड़ा ने की।

इस अवसर पर महंत महेश दास जी महाराज निर्मोही अखाड़ा, महंत बालकृष्ण दास जी महाराज शीतलामाता गौशाला, महंत राघवेंद्र दास जी महाराज हनुमान वाटिका, महंत काशीदास जी महाराज हजारी हनुमान मंदिर पंवासा, महंत दिग्विजय दास बड़ा राम मंदिर, महंत विष्णुदास महाराज, महंत नृसिंहदास महाराज, महंत अरूणदास महाराज, महंत हरिहर रसिक दास महाराज, महंत रूप किशोर महाराज, महंत राघवेंद्र दास महाराज स्थिर मन गणेश मंदिर सहित अन्य संत महंत उपस्थित थे। आभार महंत विशाल दास जी महाराज ने माना।

नवनिर्वाचित महंत रामेश्वर दासजी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि उज्जैन अखाड़ा परिषद के गठन के बाद संत महंत पधारे हैं। सभी ने बड़े स्नेह से स्वागत किया है। उज्जैन अखाड़ा परिषद का सन-2003 का गठन किया गया था। परिषद संतों के हित में कार्य करती चली आ रही है।

सन-2028 के कुंभ के लिये प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लेकिन प्रशासन ने संत महात्माओं को किसी भी बैठक में सुझाव के लिये नहीं बुलाया है। उज्जैन अखाड़ा परिषद प्रशासन को यह संकेत देना चाहती है कि तैयारियों के लिये चल रहीं बैठकों में परिषद के सदस्यो को सुझाव के लिये बुलाया जाय।

अखाड़ा परिषद का उद्देश्य यही है कि छोटा हो या बड़ा संत सभी की मूलभूत समस्याओं का निराकरण हो। सामाजिक, धार्मिक, शिप्रा, सप्तसागर, चौरासी महादेव, नौनारायण सहित शहर के चौराहों, घाटों के लिये अखाड़ा परिषद प्रशासन को सुझाव देगा। मेला क्षेत्र के रास्ते, सडक़ कैसे होना चाहियें, यहां पर क्या सुविधा होना चाहिये सुझाव दिये जायेंगे।

इस क्षेत्र में पक्के निर्माण, ट्यूबवेल, पानी, बिजली की व्यवस्था करवाएंगे। पक्के निर्माण के सुझाव में 1 बीघा में छोटे संत महंत को निर्माण की अनुमति नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी घोषणा में 5 बीघा वालों को पक्के निर्माण की अनुमति दी है। आज 28 अक्टूबर को शाम 7 बजे मुख्यमंत्री के भोपाल स्थित निवास भेंट की जायेगी। संतों द्वारा 19 मांगें रखी गई हैं। सिंहस्थ में संतों के मुद्दों को ज्यादा से ज्यादा निपटाया जाय। इसका निवेदन किया जायेगा।

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