धार, अग्निपथ। पांच दिवसीय दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होने वाला है। धनतरेस के मौके पर इस बार 29 अक्टूबर को त्योहारी ग्राहकी के लिए बाजार सज गए हैं। कारोबारियों को अच्छी खरीदारी होने से बाजार में ‘धन बरसने’ की आस है।
गुरु पुष्य के बाद दीपावली से पहले खरीदारी का दूसरा महामुहूर्त मंगलवार को धनतेरस पर रहेगा। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार त्रिपुष्कर योग में किया गया कार्य तीन गुना फल देता है। इस दिन आप कोई व्यापार शुरू करते हैं या कोई भी कार्य करते हैं उसका तीन गुना फल मिलता है। इस दौरान खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण, बर्तन आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही लक्ष्मीनारायण योग भी बनेगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस दिन सोना-चांदी, बर्तन के साथ भूमि- भवन, इलेक्ट्रानिक सामग्री के साथ ही सभी प्रकार की चल-अचल संपति की खरीदी में निवेश लाभप्रद होगा।
आभूषणों की डिमांड, किसानों के लिए फीकी
शहर के सराफा बाजार में ज्वेलरी की छोटी बड़ी 50 दुकानें हैं। दीपावली के साथ-साथ शादी-ब्याह की खरीदी को लेकर उत्साह देखा गया। जिन परिवारों में शादी होना है, वहां से महिलाएं व पुरुष सदस्यों के साथ आभूषण खरीदने पहुंची। सोने भाव अधिक होने के बावजूद गोल्ड और चांदी के आभूषणों की डिमांड ज्यादा रही। अणुश्री ज्वेलर्स के संचालक ने बताया धनतेरस पर बाजार चमकेगा। वही दूसरी ओर किसानों पर प्राकृतिक मार के कारण फसल में खराबी के कारण किसान वर्ग में दीपावली थोड़ी फीकी रहने का आसार है।
सजने लगे बाजार
धनतेरस से शुरू होने वाले दीपोत्सव के लिए दुकानों को आकर्षक सामान से सजाया गया है। वहीं ग्राहकों को लुभाने आकर्षक छूट के ऑफर दुकानदारों ने ग्रहको को दी। एक अनुमान के तहत धनतेरस पर 5 करोड़ के लगभग का व्यापार होगा । दीपावली पर्व धनतेरस से शुरू होकर धोक पड़ावा तक चलेगा।
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 10.31 से होगी
ज्योतिष अशोक शास्त्री के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर मंगलवार को सुबह 10.31 से 30 अक्टूबर को दोपहर 1.15 बजे तक रहेगी। इस दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इसमें किए गए कार्य के प्रभाव को तीन गुना बढ़ा देता है। इस योग में शुभ कार्यों को करना उत्तम माना जाता है। साथ ही ऐसे कार्यों, जिसमें हानि संभावित हो उन्हें करने से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त शुक्र पहले से वृश्चिक राशि में है, जबकि धनतेरस पर वृश्चिक राशि में बुध के आने लक्ष्मीनारायण योग भी निर्मित होगा
प्रदोषकाल में पूजन मुहूर्त 1 घंटा 31 मिनट
धनतेरस से पंच पर्व की शुरुआत होगी। ने बताया कि भगवान धन्वंतरि के अतिरिक्त सुख-समृद्धि के लिए धन लक्ष्मी और कुबेर का पूजन किया जाता है। इसके साथ अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए यम दीप दान करते हैं। लक्ष्मी-कुबेर पूजन के साथ यम दीप दान के लिए प्रदोषकाल में शाम 6.31 से रात 8.13 बजे तक 1 घंटा 42 मिनट का श्रेष्ठ समय है। प्रदोषकाल शाम 5.38 से रात 8.13 बजे तक रहेगा।
खासकर महिलाओं के लिए यह त्यौहार काफी उत्साह भरा रहता है इसलिए महिला साड़ी कंगन सोने चांदी आभूषणों की खरीदी ज्यादा करती है वही आज रूप चौदस होने के कारण महिला ज्यादा श्रृंगार करती है। इस दिन पहनने के लिए नए-नए साडिय़ां भी ले रही साडिय़ां भी ले रही है बता देकि त्योहारों को देखते हुए केवल श्री पर काफी भीड़ महिलाओं की देखने को मिली।
धान मंडी, आनंद चौपाटी, एमजी रोड और राजवाड़ा क्षेत्र में दीपावली को लेकर खासी चहल-पहल रही। यहां सबसे ज्यादा महिलाओं की भीड़भाड़ देखी गई। जिन्होंने घर की सजावट सामग्री के अलावा अन्य सामान भी खरीदा। बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग खरीदी के लिए पहुंचे थे।
ट्रैफिक व्यवस्था की तैयारी पूरी
त्योहार पर ट्रैफिक व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती रहती है। मुख्य बाजार में भीड़ को देखते हुए यातायात पुलिस द्वारा प्लॉन तो बनाया लिया इसके लिएद 28 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक इंदौर नाका, श्याम ढाबा, रतलाम नाका एवं मतलबपुरा फाटा से शहर में भारी वाहन के लिए प्रवेश पूर्णत: वर्जित रहेगा। व चार पाहिया वाहन आवागमन निषेध जिसमे धानमण्डी से आन्नद चौपाटी एवं राजवाडा से हटवाडा कि ओर सुबह 9 से रात्री 9 तक तीन व चार पहिया निजी वाहनों सहित सभी प्रकार लोडिंग वाहन का आवागमन एवं पार्किंग निषेध रहेगी।
केवल आकस्मिक सेवा से जुड़े वाहनों आ-जा सकेंगे। साथ ही चार पहिया एवं तीन पहिया वाहनों के लिये राजवाडा, मण्डी काम्पलेक्स के सामने एवं पुरानी नगर पालिका में पार्किंग रहेंगी। टीआई समीर पाटीदार ने बताया कि पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था शुरू कर दी है। यातायात प्रभारी प्रेमसिंह ठाकुर ने बताया कि बाजार में भीड़ होने से बड़े वाहन प्रवेश कर जाम का कारण बनते है लिए एक दिन पहले से ही चौराहों पर पुलिस तैनात हो गई।
खरीदारी के लिए चौघडिय़ा
- चर : सुबह 9.18 से 10.41 बजे तक।
- लाभ : सुबह 10.41 से दोपहर 12.05 और शाम 7.15 से 8.51 बजे तक।
- अमृत : दोपहर 12.05 से 1.28 बजे तक।
- शुभ : दोपहर 2.51 से 4.15 बजे तक।