आपको घूंघट में भी अच्छा लग रहा है तो आप सशक्त हैं, 2026 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भाग लूंगी
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन की बेटी निकिता पोरवाल के शहर आने के दौरान महाकाल दर्शन करने को लेकर विवादास्पद स्थिति पैदा गई, जब उन्होंने अपने ताज के साथ भगवान महाकाल के दर्शन किये। मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने इसको भगवान महाकाल के प्रोटोकाल का उल्लंघटन बताया।
सोमवार को निकिता पोरवाल ने होटल रूद्राक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि भगवान महाकाल और कृष्ण को वह अपना पिता मानती हैं। लिहाजा उनके दरबार में मैं बेटी बनकर गई थी।
उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा उ”ौन के कार्मल कान्वेंट स्कूल में हुई। इसके बाद गुजरात की यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। कालिदास अकादमी के रंगमंच से जुड़ी और सीता के किरदार से इसकी शुरुआत की। मैं नारीशक्ति की आवाज बनकर मिस वर्ल्ड-2026 की प्रतियोगिता में भाग लूंगी। मेरे माता पिता के ओपन माइंडेड होने के कारण उन्होंने मुझे कभी भी मना नहीं किया। इसके बाद मॉडलिंग इंडस्ट्रीज में संस्कार के साथ प्रवेश किया।
मेरे दोस्तों, रंगमंच कर्मियों का सहयोग रहा। आप यदि छोटे शहर से आते हैं तो पूरे शहर का आपको सहयोग रहता है। इंटरनेशनल स्तर पर धर्म की जगह आध्यात्म को अपने साथ लेकर जाऊंगी।
आप सशक्त, तो ही नारी सशक्तिकरण
आजकल के चल रहे माहौल के देखते हुए जब उनसे नारी सशक्तिकरण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यदि आप सशक्त हैं तो ही नारी सशक्तिकरण हो सकता है। आपका दिल मन जो कर रहा है वह करें। घूंघट में भी अ’छा लग रहा है तो आप सशक्त हैं। उपर तक जाने के लिये संषर्ष करना पड़ता है। कई अपने सपनों को साकार नहीं करना चाहते। इनटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मेरी एक फिल्म है। इसके सफल होने के बाद ही यह इंडिया में रिलीज होगी।
बाबा महाकाल जिस शहर से वह छोटा कैसे
बड़े स्टेज पर जाओ तो वहां पर कहा जाता है कि छोटे शहर से होकर आई है, लेकिन मैं तो बाबा महाकाल के शहर की हूं। बाबा महाकाल जिस शहर में वह छोटा कैसे हो सकता है। भगवान महाकाल के मंदिर मैं एक बेटी बनकर गई थी। इसके बाद कृष्ण मंदिर में भी गई थी।