वसूली रकम के बंटवारे के लिए झगड़ ली महिला कर्मचारी, कार्रवाई
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में कर्मचारी आउटसोर्स करने वाली कंपनी से कम वेतन मिलने पर कर्मचारियों ने मरीजों से वसूली शुरू कर दी। ऐसे रुपयों के बंटवारे को लेकर गत दिनों तीन महिला कर्मचारी आपस में भिड़ ली। इन तीनों को नौकरी से हटा दिया गया है।
यश गोविंद मार्केटिंग कंपनी द्वारा समय-समय पर आऊटसोर्स पर कम्प्यूटर ऑपरेटर, वार्डबॉय, आया एवं अन्य कर्मचारी प्रदाय किये जाते हैं। लेकिन काम करने वाले आऊटसोर्स कर्मचारियों को कलेक्टर रेट से आधा ही वेतन दिया जाता है। समय समय पर इसको लेकर समाचार प्रकाशित होते रहे हैं, लेकिन एक्शन लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में पर्याप्त वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने मरीजों या उनके परिजनों से इनाम के नाम पर रुपये वसूलने का काम शुरू कर दिया।
25 फरवरी की शाम को विभिन्न वार्डों में कार्यरत ऐसी ही तीन महिला आऊटसोर्स कर्मचारी निर्मलाबाई, सुनीताबाई और प्रेमाबाई ने डिलेवरी होने पर झाड़ू पोंछा किया था। इसमें से प्रेमाबाई ने मरीज से मिले पैसों को लेकर सुनीताबाई से विवाद किया। वहां से आ रही उसकी रिश्तेदार निर्मला बाई को यह नागवार लगा और उसने प्रेमाबाई के साथ जमकर मारपीट कर दी। सुपरवाइजर द्वारा समझाइश देने के बाद भी वे नहीं मानी।
उक्त मामला कलेक्टर आशीष सिंह के संज्ञान में आने पर उन्होंने सिविल सर्जन को इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही के लिये निर्देशित किया था। सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने बताया कि अनुशासनहीनता करने पर निजी कंपनी द्वारा उक्त तीनों महिला कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया गया है। साथ ही सभी आऊटसोर्स कर्मचारियों को अनुशासन में रहकर कार्य करने की चेतावनी दी गई है।
कलेक्टर रेट से नहीं मिलता वेतन
जिला, माधव नगर और चरक अस्पताल में काम करने वाली आऊटसोर्स कर्मचारियों को वेतन के नाम पर कंपनी द्वारा कलेक्टर रेट से आधा वेतन दिया जाता है। लेकिन आज तक इस पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में कंपनी के संचालक की जोरदार पैठ है। कर्मचारियों को केवल 4 हजार रुपए महीना दिया जाता है। वेतन देने में भी लेतलाली की जाती है। ऐसे में इन गरीब कर्मचारियों के पास मरीजों से पैसा वसूलने के अलावा कोई चारा बाकी नहीं रह जाता है।
इनका कहना है
विवाद करने वाली तीनों आऊटसोर्स कर्मचारियों को काम से हटा दिया गया है। -डॉ. पीएन वर्मा, सिविल सर्जन