कार्यपरिषद की बैठक मेें सदस्यों ने लिये कई प्रमुख निर्णय
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में अतिथि के स्वागत के लिये पुष्पमाला के स्थान पर पौधो से किया जावेगा. यह निर्णय विक्रम विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया है।
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद् की बैठक 5 नवम्बर 2024 को हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, रूपचन्द पमनानी, वरुण गुप्ता, मंजूषा मिमरोट, कुसुमलता निंगवाल, डॉ. उमा शर्मा, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. हर्षा क्षीरसागर, अतिरिक्त संचालक डॉ. एच.एल. अनिजवाल, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा पवन चौहान एवं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा उपस्थित थे।
कार्यपरिषद की बैठक में कार्यपरिषद के सदस्यों द्वारा जो निर्णय लिये गये है वे विश्वविद्यालय की प्रगति में बहुत ही सार्थक कदम माने जावेगें तथा विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगें। बैठक में लिये गये निर्णयों का कार्यपरिषद के सदस्यों एवं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रति सप्ताह समीक्षा की जावेगी।
यह निर्णय लिये परिषद ने
- विक्रम विश्वविद्यालय में निर्माल्य निर्माण इकाई स्थापित होगी जिसमें शहर के विभिन्न मंदिरों से निकलने वाली निर्माल्य सामग्री प्राप्त कर उन्हें रिसाइकल किया जायेगा और उनसे अलग-अलग सामग्री बनाकर विक्रय किया जायेगा।
- स्नातक स्तर के नये रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में प्रवेश को बढ़ाने को लेकर योजना तैयार की गई।
- छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण / स्वच्छता विशेषकर कन्या छात्रावासों, जिसमें महिला चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था की जायेगी।
- शिक्षण / प्रशिक्षण के लिये आधुनिक संसाधनों जैसे कम्प्युटर्स, स्मार्ट क्लासरूम, इंटरेक्टिव बोर्ड आदि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
- सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग कर स्वयं का विद्युत उत्पादन कर अपने संसाधनों को प्रकृति की ओर ले जाने का निर्णय लिया गया।
- काउंसलिंग / प्रवेश के लिये हेल्पलाईन नंबर पीएच.डी. प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले शोद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को दोगुना करने का निर्णय लिया गया। जिससे विद्यार्थियों को शोध करने में सुगमता होगी।
- विश्वविद्यालय विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिये विश्वविद्यालय के कई उपकरण/संसाधनों को चलित प्रयोगशाला के माध्यम से दूरस्थ अंचलों के महाविद्यालयों में लेकर जाएगा।
- चलित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के लिये बस की स्वीकृति प्रदान की गई। विद्यार्थियों के परिवहन के लिये बस की स्वीकृति भी प्रदान की है जिससे विद्यार्थियों का आवागमन सुगमता हो सकेगी।
- विश्वविद्यालय के कृषि, बागवानी के विद्यार्थियों के उत्पादों के विक्रय हेतु विश्वविद्यालय का स्वयं का मार्केटिंग प्लेस स्थापित किया जावेगा।
- भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय भाषा अध्ययन विभाग द्वारा भारत की सांस्कृतिक समृद्धि के प्रचार प्रसार का कार्य किया जावेगा।
- सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते हुए नदी जल संरक्षण, नदी पुर्नजीवन, नदी स्वास्थ्य विषयों पर केन्द्रित कार्यशालाऐं आयोजित की जाएगी साथ ही विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन का भी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
- क्रीड़ा विभाग एवं युवा उत्सव में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए ट्रेकसूट/ब्लेजर / क्रेस्ट क्रय करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।