उज्जैन : कम प्रेशर से पेयजल सप्लाय, राजीव शुक्ला और कमलेश कजोरिया पर कार्रवाई

गऊघाट फिल्टर प्लांट पर निगम सभापति, महापौर सहित एमआईसी सदस्यों ने ली अधिकारियों की क्लास, आज एमआईसी की हंगामेदार बैठक

उज्जैन। बुधवार को गऊघाट प्लांट का निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, महापौर मुकेश टटवाल, एमआईसी सदस्य शिवेन्द्र तिवारी, जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा, योगेश्वरी राठौर, रजत मेहता, दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी सहित अन्य सदस्यों ने दौरा किया। यहां पर एक बैठक का भी आयोजन किया जिसमें नगरनिगम और पीएचई के अधिकारियों को बुलाकर पेयजल सप्लाय, गंभीर डेम पर बिजली फाल्ट सहित गंदा पानी सप्लाय पर चर्चा की गई।

इस दौरान प्रभारी निगमायु क्त सुश्री जयतिसिंह, अपर आयुक्त पवनसिंह, पीएचई कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर, डेम प्रभारी राजीव शुक्ला सहित नगरनिगम और पीएचई के अधिकारी मौजूद रहे।

निगम सभापति श्रीमती यादव ने अधिकारियों से कहा कि बिजली फाल्ट मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाय। गंभीर पर स्टैंड बॉय व्यवस्था है, इसके बावजूद तीन दिन तक जनता पेयजल के लिये परेशान होती रही। यह काम पूर्व प्रायोजित लग रहा है। जनता के प्रति जवाबदारी से हम बच नहीं सकते। जनता परेशान हो रही है, पानी नहीं मिल रहा। इसमें जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है। जो भी दोषी अधिकारी हों, उनको हटाया जाय।

इधर महापौर टटवाल ने अधिकारियों से कहा कि इन मामलों में जो भी दोषी हों, उन पर कार्रवाई की जाय। जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने कहा कि दोषी अधिकारियों को हटाया जाय। यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जांच समिति में जो भी अधिकारी दोषी हों, उन पर कार्रवाई की जाय। प्लांट के प्रभारी राजीव शुक्ला सिविल वर्क के हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की गलती है कि उन्होंने केपिसिटर नहीं लगाया।

समिति की रिपोर्ट आने के बाद फिर कार्रवाई

प्रभारी निगमायुक्त सुश्री सिंह ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसमें उपायुक्त संजेश गुप्ता अध्यक्ष, संतोष गुप्ता वरिष्ठ सदस्य और शिवम दुबे को गंभीर डेम में हुए बिजली फाल्ट के दोषी को ढूंढ निकालने का कार्यभार सौंपा था। 6 नवम्बर को उनको अपनी रिपोर्ट पेश करना थी। लेकिन किसी कारण से जांच रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई है। निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर से दोषियों पर कार्रवाई होगी।

कैसे भरेंगी टंकियां….1400 की जगह 800 का प्रेशर दे रहे

निगम सभापति श्रीमती यादव ने बताया कि मंगलवार की शाम नगरनिगम के अपर आयुक्त पवनसिंह गंभीर डेम के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने देखा कि पानी सप्लाय का प्रेशर 500 से 800 किया हुआ है। जबकि टंकियां भरने के लिये इसका प्रेशर 1400 होना चाहिये। यह देखकर वह दंग रह गये। जो टंकी एक घंटे में भर जाना चाहिये, उसको भरने में तीन से चार घंटे लग रहे हैं। इस लापरवाही का ही परिणाम रहा कि गंभीर डेम प्रभारी राजीव शुक्ला और कंट्रो रूम प्रभारी कमलेश कजोरिया को उनके कार्यों से मुक्त कर दिया गया है। पेयजल को ही लेकर आज 4 बजे निगम सभागृह में एमआईसी की बैठक आहुत की गई है। बैठक के हंगामेदार होने की पूर्ण संभावना है।

इनका कहना है

जो भी दोषी अधिकारी हो, उस पर कार्रवाई की जाना चाहिये। जनता के साथ हो रहे खिलवाड़ के लिये निगमायुक्त आशीष पाठक जिम्मेदार हैं।
– प्रकाश शर्मा, जलकार्य समिति प्रभारी

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