अर्जुन के बाण : नागदेवता की रहस्यमयी मौत की कहानी

अर्जुन सिंह चंदेल

गतांक से आगे

एक और कहानी है यहीं की उसे भी आपको बताता चलूँ तो बेहतर होगा। बीते सप्ताह गंभीर के इंटेकवेल में नागदेवता की रहस्यमयी मौत की चर्चा की गूँज पूरे मध्यप्रदेश में है, और होना लाजिमी भी है क्योंकि मामला माननीय मुख्यमंत्री जी के गृहनगर का है। गंभीर इंटेकवेल पर स्थापित एक विद्युत पेनल में साँप घुस जाने की खबर पी.एच.ई में पदस्थ जादूगर द्वारा प्रसारित की गयी और यह बताया गया कि इस कारण विद्युत फाल्ट होने से शहर में जलप्रदाय नहीं होगा।

इस खबर से स्मार्ट सिटी उज्जैन में हाहाकार मच गया। स्वाभाविक ही था कम दबाव से जलप्रदाय और गंदे पानी से नागरिक परेशान थे ही और ऐसे में यह खबर जख्मों पर नमक छिडक़ने के समान थी। सभी को लगा कि पूरे नगर को जलप्रदाय करने वाला विद्युत उपकरण एक साँप के घुस जाने से प्रभावित हो गये तो सिंहस्थ में क्या होगा?

ज्जैनवासी इसलिये भी आशंकित हो चले कि कहीं यह ईश्वरीय प्रकोप तो नहीं है कि भगवान विष्णु अपनी शयन शैया शेषनाग को ही भेज दिया हो गंभीर इंटेकवेल और कहा कि जाओ सब तहस-नहस करके आ जाओ ताकि महाकाल भक्तों के कंठ प्यासे रह जायें। नागदेवता की मौत की घटना दिन में 12 बजे के लगभग की बतायी गयी। शातिर दिमाग का दुरुपयोग करते हुए बकायदा सोश्यल मीडिया पर मरे हुए नागदेवता की तस्वीर वायरल की गयी।

बस चूक यही हो गयी पूरा शहर नागदेवता की लाश देखकर सकते में आ गया कि उनके मृत शरीर पर मुँह कुचला होने के अलावा जलने के कहीं निशान भी नहीं थे। बेचारे महापौर और बाकी जनप्रतिनिधि तुरंत पहुँचे गंभीर स्थित इंटेकवेल पर देखा तो एक 10-12 फीट का पानी वाला साँपा मरा हुआ पड़ा था पेनल के पास, इंटेकवेल की सारी विद्युत प्रदाय व्यवस्था ठप हो चुकी थी।

महापौर भी देखकर दंग रह गये क्योंकि उनके सामने भी संसार का आठवां आश्चर्य था 6.6 किलोवाट की इनकमिंग लाईन से पेनल में घुसकर उसे शार्ट करने वाले नागदेवता जलकर भस्म नहीं हुए थे, जबकि छोटी-मोटी विद्युत लाईन में घुसने से ही सबकुछ जलकर राख हो जाता है।

खैर दूसरी बात सुरक्षा की दृष्टि से इतनी महत्वपूर्ण जगह वैक्यूम सर्किट ब्रेकर (वी.सी.बी.) क्यों नहीं लगाया गया था जबकि अमूनन घरों में ही एम.सी.बी. का उपयोग किया जाता है ताकि शार्ट सर्किट होते ही एम.सी.बी. अपने आप ट्रिप हो जाती है और नुकसान नहीं होता है। फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी कि पूरा पेनल ही उड़ गया और ट्रांसफार्मर जल गया। महापौर भी असमंजस में थे तभी शातिर लोगों ने उनसे अनुरोध किया गया कि नागदेवता की अंत्येष्टि आपके करकमलों से हो जाय तो उन्हें मोक्ष प्राप्त हो जायेगा। महापौर जी समझ चुके थे मामला कुछ और है।
(शेष कल)

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