उज्जैन, अग्निपथ। चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम साहेबखेड़ी में दो दिन पहले एक्सीडेंट के बाद जिस डंपर को जनता ने आग के हवाले कर दिया था। उसी से टकराकर एक परिवार की बच्ची काल कवलित हो गई। उसके माता-पिता भी गंभीर हालत में अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
फायर ब्रिगेड ने आग तो बुझा दी थी लेकिन पुलिस ने उसे बीच सडक़ पर छोड़ दिया था। रात के अंधेरे में वो वाहन चालकों को दिखाई नहीं दे रहा इसी के कारण खड़े डंपर से हादसा हो गया।
तराना के नैनावर में रहने वाले गोविंद अपनी पत्नी सुशीला और 3 साल की बेटी साक्षी व बेटे राज के साथ ढाबला रेहवारी स्थित अपने ससुराल गए थे। चारों लोग बाइक से घर लौट रहे थे। गोविंद ने बेटी साक्षी को आगे बैठाया और पीछे पत्नी और छोटा बेटा बैठे थे। रात करीब 8 अजे वे साहेबखेड़ी रोड़ से गुजर रहे थे।
इसी दौरान तेज रफ्तार चलते हुए बाइक चालक गोविंद को अंधेरे के कारण जला हुआ काला डंपर सडक़ पर दिखाई नहीं दिया। तेज रफ्तार बाइक उससे टकरा गई। दुर्घटना में गोविंद और उसका पूरा परिवार गंभीर घायल हो गए।
ग्रामीणों ने एंबुलेंस बुलाई और घायलों को जिला अस्पताल भेजा।यहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद साक्षी को मृत घोषित कर दिया। गोविंद और उसकी पत्नी सुशीला गंभीर घायल हुए हैं। जबकि बेटे राज को मामूली चोंट लगी है। चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
दो दिन खड़ा रहा डंपर, दुर्घटना के बाद हटवाया
साहेबखेड़ी में बुधवार शाम हादसा हुआ था। ट्रेक्टर और डंपर की भिडंत हो गई थी। इसके बाद बुधवार की पूरी रात और गुरुवार को दिनभर और पूरी रात डंपर घटना स्थल पर रहा। हादसे के बाद भी शुक्रवार को दोपहर तक डंपर घटना स्थल पर मौजूद था। शुक्रवार दोपहर बाद पुलिस ने इसे क्रेन की सहायता से हटवाया। टीआई हितेश पाटिल ने बताया कि जलाया गया डंपर सडक़ से हटवा दिया गया है।