अर्जुन सिंह चंदेल
गतांक से आगे
महापौर जी ने उसकी अंत्येष्टि करने से मना कर दिया। नागदेवता की लाश देखने के बाद मामला तूल पकड़ चुका था, अधिकारी भी सकते में थे। आनन-फानन में इसकी जाँच कमेटी गठित कर दी गयी जिसमें नगर निगम उपायुक्त, अधीक्षण यंत्री और संधारण उपखण्ड क्रं. 1 के सहायक यंत्री को शामिल किया गया और तीन दिन में जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
दुर्भाग्यवश इस जाँच रिपोर्ट का भी वही हश्र हुआ जो अनेक जाँच रिपोर्टों का होता चला आया है। तीन की जगह आज पूरे 8 दिन हो गये हें नतीजा शून्य। इस बीच नागदेवता की लाश को भी रफा-दफा कर दिया गया। जाँच कमेटी यदि साँप का पोस्टमार्टम करवा लेती तो चेहरों पर लगे नकाब हट जाते और अपराधी बेनकाब हो जाते। बेचारे निर्दोष नागदेवता पर कलंक का टीका लगाकर संसार से बिदा कर दिया गया।
अंदरखाने की बात पर यकीन किया जाय तो समीप ही भरे पानी में मछली पकडऩे वाले मछुआरों के जल में यह नागदेवता आ फँसे थे जिन्हें मछुआरों ने मारकर वहीं पटक दिया था। मानवीय गलती के कारण हुये पेनल फाल्ट का दोष किसी और पर मढऩे के लिये मरे हुए साँप को लाकर वहाँ पटक दिया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इंटेक पर विद्युत उपकरणों के संधारण का कार्य ऐसा व्यक्ति कर रहा है जो रेडियो सुधारने का कार्य करता था। खैर कथा लंबी हो चली है इसका समापन अति आवश्यक है, नहीं तो गंभीर से उज्जैन वाली की दास्ताँ कहते-कहते पूरा महीना भी कम पड़ेगा।
थोड़ी बात और आपको बता देता हूँ चलिये अम्बोदिया जलशोधन संयंत्र (फिल्टर प्लांट) की मशीनरी देखते हैं। वहाँ पर 4 पंप लगे हुये हैं जो इंटेकवेल से आने वाले पानी में से आधा पानी शुद्ध करके उज्जैन भेजते हैं और आधा कच्चा (बिना शोधित) पानी गऊघाट जल यंत्रालय भेजते हैं। 815 हार्स पावर (अश्व शक्ति) के दो पंप वर्तमान में कार्यरत हैं जिसमें से एक पंप 1992 का है मतलब 32 साल पुराना।
जिसका पंप तो ठीक काम कर रहा है परंतु मोटर बीमार है। 815 हार्स पावर का दूसरा पंप वर्ष 2016 के सिंहस्थ में स्थापित हुआ था यह कार्यरत तो है परंतु पंप और मोटर दोनों ही संधारण माँग रहे हैं और पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। इसी तरह 550 हार्स पावर के भी दो पंप यहाँ कार्यरत है। 550 हार्स पावर का एक पंप 32 वर्ष पुराना 1992 में स्थापित हुआ है जो बीमार है और उपचार माँग रहा है।
550 हार्स पावर का दूसरा पंप ठीक-ठाक काम कर रहा है। 32 वर्षों पुराने पंपों को तत्काल बदला जाना चाहिये आगामी सिंहस्थ को देखते हुए। हर माह सेवानिवृत्त होकर पी.एच.ई. के कत्र्तव्यनिष्ठ अधिकारियों-कर्मचारियों के कारण विभाग अमले में कमी की समस्या से तो जूझ ही रहा है दूसरी ओर जिन लोगों के पास वर्तमान में इन संयंत्रों के संधारण का दायित्व है वह अपना काम ईमानदारी से नहीं कर पा रहे हैं। जी-हजूरी, चापलूसी, चरणवंदन करके अपना समय व्यतीत करके कंबल ओढक़र घी पी रहे हैं। उसी के परिणामस्वरूप स्थिति दिन-प्रतिदिन बदत्तर होती हा रही है।
(कुछ नक्का-दुआ की जानकारी परसो के अंक में कल रविवार अवकाश)