साधारण लोगों को भी गुंडा बताकर निकाला जुलूस

पुलिस बोली जुलूस नहीं निकाला, मौका मुआयना कराया

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन पुलिस ने शुक्रवार को 30 से ज्यादा गुंडों का जुलूस निकालकर खूब वाहवाही लूटी। आमजन के बीच इस तरह गुंडों को कान पकडक़र बैठक लगवाना पुलिस और गुंडे दोनों के लिए जरुरी भी है। लेकिन ये तब सही है जब हकीकत में पुलिस लिस्टेड, रिकॉर्डेड और दहशत फैलाने वाले गुंडों के साथ करें। शुक्रवार को जो हुआ उससे गुंडों की दहशत ख़त्म नहीं हुई बल्कि आमजन में पुलिस की दहशत बन गई है।

पुलिस ने जिनका जुलूस निकाला उनमें एक नाम सामने आया है रमेश माली। इनकी उम्र 55 वर्ष है। ये ऑटो चालक हैं।इनके दो जवान शादी शुदा बेटे भी हैं। इनका कुसूर यह हैं कि गरीब हैं और कोई बोलने वाला नहीं हैं। सचिन पिता बने सिँह निवासी गोंसा। महाकाल मंदिर क्षेत्र में फुटकर व्यापारी हैं। इसका भी कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं हैं।

युवक के अपराध की सजा पिता और भाई को

जिनका जुलूस निकला उनमें से एक नाम अनिल अवाड़ और उसके बड़े पुत्र बलवट का भी हैं। अनिल महाकाल क्षेत्र में पराठे का ठेला लगाता है। यहीं सामने पराठे का ठेला लगाने वाले परिवार से इनका विवाद चल रहा हैं। इसी विवाद के चलते चीनू को छह महीने पहले जतिन नामक युवक ने चाकू मारा था। अब बदला लेने के लिए चीनू ने जतिन के साथी राज को चाकू मार दिया।

जब चीनू ने राज को चाकू मारा उस वक्त उसका पिता अनिल और भाई बलवट घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। चीनू वारदात के बाद फरार हो गया तो पुलिस ने अनिल और बलवट को उठा लिया। अनिल सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और उसके व बड़े बेटे बलवट का एक भी पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं हैं।

इसी तरह अक्षय नामक युवक महाकाल क्षेत्र में लोगों को माथे पर टीका लगाता है. उसे यूँ ही पुलिस उठाकर ले गई और जुलुस निकाल दिया। इन सब गुंडों को पुलिस ने जुलूस निकालने के बाद छोड़ भी दिया है।

रिश्तेदार फोन कर पूछ रहे, ऐसा क्या कर दिया कि पुलिस ने जुलूस निकाला

रमेश ने कहा कि उसकी उम्र 55 वर्ष हो गई हैं। कभी किसी के साथ मारपीट नहीं की थी। दो बेटे हैं दोनों की शादी हो गई हैं। ऑटो चलाकर जीवन यापन कर रहा हूँ। अब रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं कि ऐसा क्या अपराध कर दिया कि पुलिस ने जुलुस निकाला। रमेश का अपराध इतना था कि वह थाने के सामने स्टैंड पर ऑटो लेकर खड़ा था। पुलिस बोलकर गई कि सब यहां से चले जाओ. जगह खाली करो। पुलिस के बोलने के बाद भी वो खड़ा रहा। इस पर पुलिस आई और धारा 151 में बंद कर दिया।

दहशत गर्द थे लेकिन रात को ही छोड़ दिया

पुलिस ने जिन 30 से ज्यादा लोगों को गुंडा बताकर जुलूस निकाला उनमें से 25 से ज्यादा लोगों को जुलूस के बाद थाने से ही छोड़ भी दिया। यदि अपराधी इतने खूंखार थे तो इन्हें कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया यह बात समझ से परे है। एसपी प्रदीप शर्मा को पुलिस अधिकारियो ने यह बताया हैं कि सबका आपराधिक रिकार्ड हैं। एसपी ने अग्निपथ से कहा कि सबका आपराधिक रिकार्ड हैं।

इनका कहना

जुलूस कुछ नहीं होता, गुंडों को अपराध वाले स्थान पर ले जाकर मौका मुआयना करवाया था। सभी अपराधी प्रवृत्ति के हैं।
– ओ पी मिश्रा, सीएसपी

मुझे यहीं जानकारी मिली हैं कि जिनका जुलुस निकाला उन सबका आपराधिक रिकार्ड हैं।
– प्रदीप शर्मा, एसपी

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