उज्जैन, अग्निपथ। शहर में जिले की भाजपा में शनिवार को भूचाल मचा रहा। वजह यह थी कि पुलिस ने शुक्रवार को जिन 29 गुंडों की बरात निकाली थी, उनमें भाजपा के दो पदाधिकारी भी शामिल थे। भाजपाइयों की नाराजगी और आपत्ति के बाद एसपी ने तीन पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया। एसपी ने कोतवाली थाने के एसआई बबलेश कुमार, प्रधान आरक्षक तरुण पाल और आत्माराम परमार को लाइन अटैच कर दिया है।
मामला यह है कि शुक्रवार को पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्र के 29 अपराधियों की ढोल-ढमाकों के बीच बरात निकाली थी, यानी इन्हें बाजार में घुमाया था। इनमें दो युवक त्रिमूर्ति टॉकीज क्षेत्र में रहने वाले भी शामिल थे, जो कि भाजपा के बूथ अध्यक्ष हैं। खास बात यह कि इन दोनों चचेरों भाइयों में एक वर्ष पूर्व पारिवारिक विवाद हुआ था, जिसमें बाद में सुलह भी हो गई थी।
विवाद में कोई हथियार भी उपयोग नहीं हुआ था, यानी ये कोई संगीन अपराधी नहीं थे। बावजूद इन्हें बुलाकर इनके मोबाइल जब्त किए। इन्हें लज्जित किया गया। पुलिस अफसरों ने इनकी कोई दलील, तर्क तक नहीं सुना। दोनों में से एक तो दुर्घटना में घायल होने के बाद बेड रेस्ट पर था, यानी पुलिस यदि सख्ती बरतती तो शायद वह सहन नहीं कर पाता। अन्य अपराधियों के साथ पुलिस के बर्ताव को देख ये दोनों कार्यकर्ता मजबूरन डर के मारे खामोश रहे और इस तरह इस बारात में शामिल किए गए।
शनिवार को विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और नगर अध्यक्ष विवेक जोशी ने मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से फोन पर चर्चा कर आपत्ति दर्ज कराई। इसके अलावा भाजपा के नगर महामंत्री सत्यनारायण खोईवाल के साथ उपाध्यक्ष जगदीश पांचाल, पार्षद योगेश्वरी राठौर, मंडल अध्यक्ष नितिन गौड़ ने एसपी प्रदीप शर्मा और एएसपी नीतेश भार्गव के कार्यालय पहुंचकर मामले में शिकायत दर्ज कराते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर शाम तक कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
प्रतिनिधिमंडल के साथ में वे दोनों पदाधिकारी भी गए थे, जिन्हें पुलिस ने अपराधियों के साथ घुमाया। इधर, दोनों पीडि़त संंबंधित पुलिस अधिकारियों पर मानहानि, एट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न स्तरों पर शिकायत व कार्रवाई के लिए तैयारी कर रहे हैं।