उज्जैन, अग्निपथ। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता, 2024 के पुरस्कारों की घोषणा की गई है। चित्रकला में 4 कलाकृतियाँ एवं मूर्तिकला में 1 शिल्प को पुरस्कृत किया गया है।
अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गन्धे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष यह प्रतियोगिता महाकवि कालिदास के महाकाव्य ‘रघुवंशम्’ पर आधारित थी। इस प्रतियोगिता में निर्णय हेतु 5 विशेषज्ञ निर्णायकों को आमन्त्रित किया गया था, उनके निर्णय के आधार पर चित्रकला में 4 कलाकृतियाँ एवं मूर्तिकला में 1 शिल्प को पुरस्कृत किया गया है।
प्रदर्शनी संयोजक डॉ. सन्दीप नागर ने बताया कि प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, आंधप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात, नईदिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान सहित कुल 15 राज्यों के प्रतिभागियों से 191 प्रवेश-पत्रों के माध्यम से कुल 202 चित्र एवं 23 मूर्तियाँ प्राप्त हुई थीं। प्राप्त कलाकृतियों में से निर्णायक मण्डल द्वारा 66 चित्र एवं 8 मूर्तियों का चयन प्रदर्शनी के लिए किया गया।
डॉ. नागर ने आगे बताया कि वर्ष 2024 के चित्रकला पुरस्कार डॉ. शंकर शर्मा, जयपुर (राजस्थान) की कृति ‘देवी नन्दिनी’, सुश्री संजना मालवीय, उज्जैन (मध्यप्रदेश) की कृति ‘रघुवंश कथा’, प्रशांत एम. पटेल, अहमदाबाद (गुजरात) की कृति ‘दिव्यदृष्टि’, सुश्री निरूपमा कमलेशभाई मोगा, भावनगर (गुजरात) की कृति ‘ऋषि आश्रम में राम’ को प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार मूर्तिकला 2024 के लिए पुरस्कार श्री बिजय कुमार साहू, कटक (ओडिशा) की कृति ‘सीता विवाह’ को प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का प्रतिकात्मक आयोजन किया गया था जिसमें राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता के परिणाम आदर्श आचार संहिता लागू होने से परिणाम घोषित नहीं किये गये थे।
इस वर्ष अखिल भारतीय कालिदास समारोह, 2024 दिनांक 18 नवम्बर, 2024 को समापन अवसर पर वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 में पुरस्कृत कलाकृतियों को निर्मित करने वाले प्रत्येक कलाकरों को रुपये एक लाख, प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर पुरस्कृत किया जायेगा।