चमत्कार हो गया! ; खाली रहने वाली पानी की टंकियां भी अब पूरी भराने लगी

उज्जैन, अग्निपथ। प्रभारी सहायक यंत्री राजीव शुक्ला और प्रभारी उपयंत्री सुभाष मुवैल के निलंबित होने के बाद विभाग में चुस्ती-फूर्ति दिख रही है, टंकियों के प्रभारी उपयंत्रियों के साथ ही पी.एच.ई. का नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) चाक चौबंद नजर आ रहा है। जिन टंकियों के खाली रहने के कारण शहर में जलप्रदाय में रुकावट आ रही थी, वे इस कार्रवाई के बाद पूरी भराने लगी हैं।

मात्र 6 हजार रुपये प्रतिमाह पर 8 घंटे की नौकरी करने वाले ठेकेदार के कर्मचारी भी नवंबर की सर्द रातों में जागकर अपने कत्र्तव्य का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं भले ही उन्हें अक्टूबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला हो। पर हाँ एक बात जरुर गौर करने वाली है कि कंट्रोल रूम प्रभारी कमलेश कजोरिया के हटते ही ना जाने ऐसा क्या जादू हुआ कि समस्याग्रस्त क्षेत्रों की उच्चस्तरीय पानी की टंकियां पूर्ण क्षमता के साथ भराने लगी।

वहीं गंभीर बाँध, वहीं इंटेकवेल, वहीं फिल्टर प्लांट, वहीं बूढ़े और जर्जर हो चुके पंप-मोटरें फिर भी समस्यायें छू मंतर होना भी अनेक प्रश्न खड़ा कर रहा है। आइये बानगी देखते हैं पूर्व और वर्तमान स्थिति की। दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को दशहरा मैदान की उच्चस्तरीय पानी की टंकी पूर्ण क्षमता 11 मीटर के विरुद्ध मात्र 4 मीटर ही भरी गयी थी वहीं दशहरा मैदान की टंकी 6 नवंबर 2024 को पूर्ण क्षमता 11 मीटर के विरुद्ध पूरी 11 मीटर ही भर गयी।

चकोर पार्क पानी की टंकी 28 अक्टूबर 2024 को 6 मीटर पूर्ण क्षमता वाली 4.5 मीटर ही भर पायी वहीं चकोर पार्क टंकी 6 नवंबर को पूरी 6 मीटर भर गयी। गुदरी स्थित पानी की टंकी 28 अक्टूबर 2024 को 25 फीट पूर्ण क्षमता के विरुद्ध 7 फीट ही भरायी वहीं गुदरी की टंकी 6 नवंबर 2024 को पूरी 24 फीट ही भरा गयी। आखिर ऐसे कौन से ज्ञात-अज्ञात कारण है कि नहीं भरानी वाली टंकियां भी अब लबालब हो रही है। इस चमत्कार की जाँच होना भी समय की माँग है।

Next Post

भगवान महाकाल की सवारी निकली चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दिए दर्शन

Mon Nov 18 , 2024
उज्जैन, अग्निपथ। कार्तिक और अगहन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की तीसरी सवारी सोमवार को राजसी वैभव के साथ निकली। पहले सभा मंडप में पूजा की गई, इसके बाद शाम 4 बजे चांदी की पालकी में महाकाल श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण […]