वार्डों में फायर सिस्टम किया गया चेक
उज्जैन, अग्निपथ। झांसी में मेडिकल कॉलेज में हुई आगजनी की घटना के बाद शहर के शासकीय चरक भवन में मॉक ड्रिल कर सुरक्षा का जायजा लिया गया। इससे आग की घटना से निपटने के लिए अस्पताल का रियलिटी चेक कर सभी वार्डों में फायर सिस्टम का परीक्षण किया गया।
साल 2016 में बने चरक अस्पताल में 400 बेड है। जिसमें शिशु वार्ड, महिला प्रस्तुति वार्ड और जनरल वार्ड के साथ एनआईसीयू वार्ड है। मॉक ड्रिल के समय अलार्म बजा तो अस्पताल में हडक़ंप मच गया। हालांकि बाद में सभी को बताया गया कि आग से बचने के लिए मॉक ड्रिल किया जा रहा है।
दो एग्जिट द्वार और लिफ्ट
अस्पताल की सेल प्रभारी निधि जैन ने बताया कि अस्पताल में दो एग्जिट द्वार और लिफ्ट है। झांसी में हुए अग्नि काण्ड के बाद हमने आग बुझाने की मॉक ड्रिल की। फायर सुरक्षा के लिए कई व्यवस्था की है।
नियम के मुताबिक, 10 मीटर से उपर की बिल्डिंग में फायर एनओसी लेना आवश्यक है। सभी मंजिलों पर हमने फायर पाइप की टंकी से कनेक्ट किया है। दो टंकी हंै। एक 70000 लीटर पानी स्टोरेज के लिए नीचे और एक टंकी 6वीं मंजिल पर है। हमारे पास स्मोक डिटेक्टर है। सभी मंजिल पर फायर एग्जिट और एसेम्बली पॉइंट की व्यवस्था अस्पताल के बाहर की हुई है। मॉक ड्रिल में सब कुछ सुरक्षित मिला है।