आंखों की रोशनी भी हुई कम, उज्जैन के काट रहे चक्कर
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के माकड़ोन में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते छात्रा की जान पर बन आई। छात्रा का लीवर खराब होने के कारण उसका मेजर ऑपरेशन करना पड़ा। गरीब माता-पिता अब बच्ची के इलाज के लिए रोजाना उज्जैन के अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं।
उज्जैन जिले से 45 किलोमीटर दूर तराना विधानसभा के ग्राम माकड़ोन में चाय की दुकान चलाने वाले विष्णु बैरागी की बेटी अंजलि 8वीं कक्षा की छात्रा है। 28 अक्टूबर को अंजलि को बुखार आने पर उसे अगले दिन 29 अक्टूबर को माकड़ोन में डॉ. तरुण गोलदार के पास ले गए। डॉक्टर ने उसे पहले दिन इंजेक्शन लगाकर बोतल (सलाइन) चढ़ा दी। जिसके कारण वो अगले दिन उठ नहीं पाई।
डॉक्टर को इस बारे में बताया तो वो बोले की बच्ची को आराम है। इसलिए नहीं उठ पा रही है। जिसके बाद उसे तीन दिन तक बोतल लगाई गई। चार दिन बाद अंजलि को पेट में तेज दर्द होने लगा और दिखना बंद हो गया। माकड़ोन के अन्य डॉक्टर को दिखाया तो उसने अंजलि की हालत बिगडऩे पर उसे उज्जैन ले जाने को कहा। उज्जैन में निजी अस्पताल में दिखने पर पता चला कि अंजलि का लिवर खराब हो चुका है।
अब अंजलि के पिता विष्णु बैरागी ने डॉक्टर तरुण गोलदार पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसके लिए बैरागी ने विधायक सांसद एसडीएम से जांच की मांग की है।
इनका कहना
मैंने बच्ची का इलाज नहीं किया है। मेरे बेटे ने किया था जो कि सरकारी अस्पताल आगर में पदस्थ है। डॉक्टर ने ये माना की उन्होंने आयुर्वेदिक में डिग्री ले रखी है। – डॉ. तरुण गोलदार