उज्जैन। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 26 फरवरी को एक आदेश जारी कर कई वर्षों से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कराई जा रही प्रायोगिक परीक्षा को लगभग समाप्त कर दूसरे स्कूलों में परीक्षा कराए जाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के खिलाफ पूरे प्रदेश में स्कूलों एवं पालको द्वारा विरोध किया जा रहा है।
संभागीय अशासकीय शाला संगठन उज्जैन द्वारा 1 मार्च को उज्जैन संभाग की बोर्ड अधिकारी को इस आदेश को निरस्त करने हेतु एक ज्ञापन बोर्ड चेयरमैन एवं सचिव के नाम दिया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संगठन के प्रदेश समन्वयक शिवनारायण शर्मा एवं संभागीय अध्यक्ष पत्रकार एसएन शर्मा ने बताया कि कोरोना काल को देखते हुए नियमित विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा अध्ययनरत स्कूल में नहीं ली जाकर कई स्कूलों के विद्यार्थियों की परीक्षा किसी एक ही स्कूल में लिए जाने के आदेश से विद्यार्थियों एवं स्कूल संचालकों में आक्रोश व्याप्त है।
ज्ञापन के माध्यम से बोर्ड अधिकारियों से आग्रह किया है की है कि एक स्कूल में ज्यादा संख्या में बच्चे इक_े होने से कोरोना महामारी का खतरा होगा। वही विशेषकर छात्राओं को बहुत दूर केंद्र पर परीक्षा देने जाना होगा। इसलिए इस नवीन आदेश को निरस्त किया जाकर पूर्व वर्षों की भांति ही मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही प्रैक्टिकल परीक्षा कराया जाना उचित होगा। ज्ञापन का वाचन शहर अध्यक्ष दिनेश राज ने किया। इस विरोध के दौरान स्कूल संचालक महेश व्यास, संजय पुरोहित, खालिक मंसूरी, विवेक शर्मा, शैलेंद्र पाल आदि मौजूद थे।