महापौर ने पांच दिन पहले किया था निरीक्षण, अधिकारी सुनने को तैयार नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। महापौर ने पिछले रविवार को कार्तिक मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया था, जिसमें उनको कई खामियां दिखीं। इस दौरान उन्होंने निगम अधिकारियों को कई बिंदुओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। लेकिन इन पर अमल पांच दिन बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ है।
महापौर मुकेश टटवाल ने रविवार को नगरनिगम उपायुक्त योगेन्द्र पटेल, सहायक आयुक्त प्रदीप सेन, सहायक यंत्री मनोज राजवानी के साथ कार्तिक मेले का दौरा किया था। महापौर ने देखा कि बीच सडक़ पर गुमटी लगी हुई हैं। अवैध झूले चल रहे हैं। नगरनिगम की प्रदर्शनी अभी तक लगी नहीं है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम से कर्मचारी नदारद हैं और झूलों पर फायर एनओसी सहित अनुमति पत्र चस्पा नहीं हैं।
पार्किंग में वाहनों की रेट लिस्ट चस्पा नहीं है, छोटे पुल पर सडक़ पर वाहन पार्किंग है, पुलिस फील्ड में राउं नहीं कर रही है। बड़ा पुल पर आटो रिक्शा वालों ने अवैध पार्किंग बनाकर रखी है। मेले की एलईडी बंद है। यह देखकर उन्होंने उपरोक्त अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने उनके निर्देश पर कार्रवाई नहीं की है।
चौपाल में अधिकांश अधिकारी रहे अनुपस्थित
शुक्रवार को झोन क्रमांक-5 में महापौर चौपाल का आयोजन किया गया। महापौर के पहुंचने के बाद भी एडीशनल कमिश्न संदीप शिवा, उपायुक्त आरती खेडक़र सहित अन्य अधिकारी और पार्षद नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि सुश्री खेडक़र ने इसी दिन शिविर का आयोजन कर लिया था, इसलिये नहीं पहुंची।
झोन अध्यक्ष राधेश्याम मालवीय भी चौपाल में देर से पहुंचे। ऐसे में चौपाल में किस तरह से लोगों की समस्याओं पर सुनवाई हो रही होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। चौपाल में केवल निगम अधिकारी संजेश गुप्ता और उपायुक्त मनोज मौर्य उपस्थित रहे।