भाजपा कार्यकर्ताओं को दिखाने के दिये थे निर्देश, उज्जैन को छोडक़र सभी जगह दिखाई
उज्जैन, अग्निपथ। तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म द साबरमती रिपोर्ट देखी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के बड़े पदाधिकारियों को निर्देश दिये थे कि वह कार्यकर्ताओं को अपने साथ ले जाकर यह फिल्म दिखायें। लेकिन इस निर्देश को भाजपा पदाधिकारी घोलकर पी गये और अभी तक किसी भी भाजपा पदाधिकारी ने अपने कार्यकर्ताओं को पीवीआर में ले जाकर यह फिल्म नहीं दिखवाई है।
इस फिल्म को दिखवाने की जवाबदारी सांसद, विधायक, नगर अध्यक्ष या महापौर की थी, लेकिन इस पहले को अभी तक शुरू नहीं किया गया है। लोक शक्ति भवन में इस बात की चर्चा भी चल रही है कि शहर के पदाधिकारी इस ओर अपना ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं। मप्र के अधिकांश शहरों के भाजपा कार्यकर्ता इस फिल्म को देख चुके हैं, लेकिन न जाने क्यों उज्जैन के पदाधिकारी इस ओर से मूकदर्शक बनकर बैठे हैं।
ज्ञात रहे कि यह फिल्म 2002 में गोधरा ट्रेन त्रासदी से पहले की घटनाओं और मीडिया की भूमिका पर आधारित है। फिल्म की कहानी न्याय व्यवस्था, समाज और व्यक्तिगत संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें विक्रांत मैसी ने मुख्य भूमिका निभाई है। पीएम मोदी पहले ही इस फिल्म की सराहना कर चुके हैं, और इसे समाज के लिए महत्वपूर्ण बताया था। फिल्म में विक्रांत मैसी समर कुमार नाम के एक वकील की भूमिका में हैं, जो अपने आदर्शों और न्याय के लिए संघर्ष करते हैं।
उनकी प्रभावशाली अदायगी और संवादों ने फिल्म को समीक्षकों से भी सराहना दिलाई है। फिल्म द साबरमती रिपोर्ट गोधरा कांड की सच्चाई और मीडिया के भ्रष्टाचार पर प्रकाश डालती है। कहानी समर कुमार नाम के एक हिंदी एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे गोधरा कांड का सच उजागर करने के लिए पुख्ता सबूत मिलते हैं, लेकिन मीडिया के भीतर फैले भ्रष्टाचार और झूठी रिपोर्टिंग के कारण उसे बड़ा खतरा उत्पन्न होता है। यह फिल्म न्याय की जटिलताओं और समाज के मुद्दों को उजागर करने का प्रयास करती है, और दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है।