इसके पहले जून में पुलिस ने 15 करोड़ का क्रिकेट का सट्टा पकड़ा था
उज्जैन, अग्निपथ। प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) उज्जैन के मुसद्दीपुरा में क्रिकेट के सट्टे के ठिकाने पर छापा मारा। टीम ने यह कार्रवाई सटोरियों द्वारा मनी लॉड्रिंग किए जाने की सूचना पर की है। ईडी ने उज्जैन सहित देश के दो बडे शहरों में भी क्रिकेट के सटोरियों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की और 8 करोड़ रुपए फ्रिज किए हैं। इसके अलावा डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार देश के तीन शहरों में ईडी ने एक साथ क्रिकेट के सटोरियोंं के खिलाफ छापामारी की कार्रवाई की है। उज्जैन के अलावा यह कार्रवाई इंदौर और पंजाब के लुधियाना शहर में हुई है। उज्जैन में ईडी ने शुक्रवार रात मुसद्दीपुरा के रहने वाले पीयूष चोपड़ा के घर पर दबिश दी है।
इसके पहले जून माह में उज्जैन पुलिस ने मुसद्दीपुरा में रहने वाले क्रिकेट का सटोरिया पीयूष चौपड़ा के इंदौर रोड़ स्थित घर पर दबिश देकर विदेश करेंसी सहित 15 करोड़ रुपए की अवैध नकद राशि बरामद की थी।
पिछले साल बरामद हुए थे 15 करोड़
14 जून को उज्जैन पुलिस ने मुसद्दीपुरा के रहने वाले पीयूष चौपड़ा के इंदौर रोड़ बायपास स्थित घर पर दबिश देकर 15 करोड़ रुपए की अवैध राशि, 41 मोबाइल, 19 लैपटॉप, अंतरराष्ट्रीय सिम और विदेशी करेंसी बरामद की थी।
हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन
मीडिया खबरों के मुताबिक क्रिकेट का सट्टा ऑनलाइन चलता है। वेबसाइट के जरिए दांव लगाए जाते हैं। सट्टे की राशि का ट्रांसफर हवाला के जरिए किया जाता है। सट्टे के लेन-देन का हिसाब और जीत-हार का गणित रखने के लिए भी सटोरिए एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। इस ऑनलाइन काले धंधे और सॉफ्टवेयर ट्रेकिंग में चौपड़ा की भूमिका का पता चला है।
31 लाख नकद और 8 करोड़ फ्रीज
ईडी ने छापामार कार्रवाई में कुल 31 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। जबकि सटोरियों द्वारा किए गए म्यूच्यूअल फंड में निवेश व फि क्स डिपॉजिट के रूप में जमा करीब 8 करोड़ रुपए की राशि फ्रीज कर दी गई है।
क्रिकेट का सट्टा वेबसाइट के जरिए
पुलिस के अनुसार पीयूष चौपड़ा लंबे समय से इंदौर रोड़ स्थित अपने घर पर ही सट्टा संचालित कर रहा था। उसने लुधियाना, पंजाब और अन्य शहरों से सट्टा करने में कुशल युवकों को लाखों की राशि देकर उज्जैन बुलाया था। यहां सारा खेल उच्च तकनीकी संसाधन उपलब्ध करवाकर चला रहा था। क्रिकेट का सट्टा वेबसाइट के जरिए संचालित किए जाता था। इस पूरी कार्रवाई की जानकारी उज्जैन पुलिस को भी थी लेकिन ईडी की कार्रवाई स्वतंत्र होती है।