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पुलिस की पूछताछ में बेटी के खातों मे भी ट्रांजेक्शन कबूला
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अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी हो रही जांच
उज्जैन (प्रबोध पांडेय)। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने दो पुरोहित एवं एक पुरोहित प्रतिनिधि को प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर यूपी और गुजरात सहित अन्य स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं से 1100 से 2000 रुपए तक वसूल किए जाने पर पकड़ा और इनके खिलाफ महाकाल थाने में धारा 318 (4) बीएनएस में प्रकरण दर्ज करवाया। लेकिन इसके दूसरे ही दिन शुक्रवार को कलेक्टर ने मंदिर के दो कर्मचारियों के खातों की जांच की तो इसमें बड़े ट्रांजेक्शन पाये जाने पर इनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया।
कोतवाली सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के बैंक खातों की जांच की, जिसमें लाखों रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन पाए गए। यह राशि मंदिर में सेवा के दौरान अवैध रूप से वसूली गई थी। इसके साथ ही विनोद चौकसे की पुत्री चंचल चौकसे की भी संलिप्तता पाई गई है। इनके खाते में भी अवैध ट्रांजेक्शन पाया गया है। दोनों कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 316, 318 बीएनएस के तहत कार्रवाई कर गिरफ्तार किया है।
ऐसे किया घोटाला
महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के तहत न्यायालय अधिकारियों, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और अन्य वीआईपी भक्तों को नंदी हॉल तक जाने की अनुमति मंदिर कार्यालय से दी जाती है। सामान्य दर्शनार्थियों को 250 रुपए की रसीद के माध्यम से बिना लाइन दर्शन की सुविधा मिलती है। इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर मंदिर के कर्मचारी ठगी को अंजाम देते थे। उनको प्रोटोकाल के तहत भगवान महाकाल के दर्शन करवाये जाते थे। नंदीहाल से दर्शन करने और एक नंबर लाइन से दर्शन करने के लिये अलग-अलग चार्ज लिया जाता था। इसके साथ ही इनकी मंदिर के पुजारी और पुरोहितों से भी सांठगांठ होने से नंदी हॉल से विशेष दर्शन और जल चढ़ाने का काम भी किया जाता था।
परिवार के खातों में भी गई राशि
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने पुष्टि की कि जांच में यह बात सामने आई है कि कर्मचारियों ने भक्तों से वसूली गई राशि को अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर किया। पूरा मामला दर्शन के नाम पर अवैध वसूली का है। अन्य कर्मचारियों के नाम भी जांच में सामने आ सकते हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
गुरुवार को 3 पर हो चुकी एफआईआर
गुरुवार की सुबह पुरोहित अजय शर्मा ने श्रद्धालुओं से जलाभिषेक कराने के नाम पर प्रति श्रद्धालु 1100 रुपए वसूलकर कुल 6600 रुपए लिए। पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट ने भी 3300 रुपए की अवैध वसूली की। इसके अलावा, नंदी मंडपम में तैनात सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण और कन्हैया के भी इस ठगी में शामिल होने की जानकारी मिली थी, जिस पर कलेक्टर ने इनके विरुद्ध महाकाल थाने में धारा 318 (4) बीएनएस में प्रकरण दर्ज करवाया था। शाम को ही इनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया था।
भ्रष्टाचार का केन्द्र बिंदू प्रोटोकॉल कार्यालय
महाकालेश्वर मंदिर में भ्रष्टाचार की शुरुआत प्रोटोकॉल कार्यालय से शुरू होती है। यहां के सुरक्षाकर्मी सभी इन घोटालों में लगे हुए हैं। जिस श्रद्धालु को प्रोटोकाल से दर्शन करना होते हैं, उससे 250 रु. प्रति व्यक्ति न लेते हुए प्रोटोकॉल स्लीप निकाल ली जाती है। इसके बाद इनको या तो अपने मंदिर के प्रोटोकॉल कर्मचारी या सुरक्षाकर्मी के साथ उनको दर्शन के लिये भेजा जाता है।
प्रोटोकॉल पर्ची होने के कारण इनको कहीं पर नहीं रोका जाता है। नंदीहाल से दर्शन के लिये 250 रु. से अधिक रुपये वसूले जाते हैं। इनमें सभी की हिस्सेदारी होती है। यहां तक कि सुरक्षाकर्मी की भी। इसके बाद श्रद्धालु से एकमुश्त रुपये वसूल कर बांटाबांटी कर ली जाती है।