नगर निगम इन दिनों सफाई सर्वेक्षण में बेहतर अंक पाने की लालसा में कई हथकंडे अपना रही है, उसमें एक है पॉलीथिन पर अंकुश। शासन-प्रशासन ने पतली पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश लगा रखा है।
प्लास्टिक से बने डिस्पोजल (कटोरी-ग्लास) पर भी प्रतिबंध लगा रहा है और उपयोग करते पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान किया है।
नगर निगम की टीम इनकी धरपकड़ के लिए बाजार में घूम रही है और उपयोगकर्ताओं को पकड़ रही है। यह उपयोग कर्ता या तो स्ट्रीट वेंडर हैं या फिर छोटे-मोटे किराना-दूध-फल व्यापारी। जो नगर निगम की पकड़ में आते हैं और जुर्माना चुकाते हैं।
लेकिन इस धरपकड़ के जरिए नगर निगम पॉलीथिन पर अंकुश के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है। अगर वाकई पॉलीथिन रोकना है तो उन व्यापारियों पर शिकंजा कसना होगा, जो यह पॉलीथिन बाजार में उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे मात्र दस-बीस व्यापारी ही होंगे जो पूरे शहर में पतली पॉलीथिन पहुंचा रहे हैं।
इसी तरह प्लास्टिक की डिस्पोजल कटोरी, गिलास, चाय के कप, चम्मच भी बाजार में डिस्पोजल विक्रेताओं के यहां धड़ल्ले से बिक रहे हैं। बाद में नगर निगम शादी-ब्याह कार्यक्रम में जाकर उपयोगकर्ताओं को पकड़ेगी।