उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के नाम पर हुए घोटाले के मामले में पूृछताछ के लिए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा सोमवार को महाकाल थाने पहुंचे। यहां उन्होंने आरोपी नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे से पूछताछ की। जल्द ही अधिकारी इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकते हैं।कलेक्टर और एसपी ने तकरीबन 1.30 घंटे तक महाकाल थाने पर बैठकर आरोपियों से सच उलवाने का प्रयास किया।
आरोपियों ने टीआई और सीएसपी की पूछताछ में कहा था कि वे इस घोटाले के संबंध में संपूर्ण जानकारी कलेक्टर के सामने ही देंगे। उल्लेखनीय है कि महाकाल थाने में सब इंस्पेक्टर से लेकर टीआई, सीएसपी और एएसपी तक दोनों आरोपियों से पूछताछ कर चुके हैं।पकड़ाए कर्मचारियों का यह कहना था कि वे कलेक्टर के सामने ही पूरे मामले की सच्चाई बताएंगे और अपने बयान दर्ज कराएंगे।
इसी को लेकर कलेक्टर सिंह और एसपी शर्मा दोनों वरिष्ठ अधिकारी सोमवार को आरोपियों से पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इस मामले में कलेक्टर और एसपी ने तकरीबन डेढ़ घंटे दोनों आरोपियों से पूछताछ की है। अब मामले में वरिष्ठ अधिकारी कुछ बड़ा खुलासा कर सकते हैं। इस महाघोटाले में महाकाल मंदिर से जुडे कईं लोगों के सामने आने की संभावना है दर्शन के नाम पर दर्शनार्थियों से अवैध वसूली के लिए पूरा रैकेट काम करता है।
खाते में हर माह लाखों का ट्रांजेक्शन
मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने समिति कर्मचारी नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे के खिलाफ श्रद्धालुओं से रुपए लेकर दर्शन कराने के मामले में महाकाल थाने में केस दर्ज कराया हैद्ध। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर उनके मोबाइल जब्त किए। दोनों के मोाबइल से लाखों रुपए के ट्रांजेक्श् ान और चैङ्क्षटग सामने आई। मंदिर से जुडे अफसरों ने बताया कि समिति के कर्मचारयिों ने कलेक्टर रेट अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है जो अधिकतम 16 हजार रूपए है। लेकिन उक्त दोनों कर्मचारियों के खातों में प्रतिमाह लाखों रुपए का ट्रांजेक् शन हो रहा था। विनोद चौकसे के मोाबइल चैटिंग में कर्नाटक, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट, गुजरात के कई लोगों से बातचीत की जानकारी सामने आई है।
ऊपर तक बंटते थे रुपए, रैकेट कर रहा था काम
पुलिस को विनोद और राकेश से मिले मोबाइल से यह जानकारी मिली है कि दर्शनार्थियों से प्राप्त राशि ऊपर तक पहुंचती थी। विनोद और राकेश तो एकमात्र कड़ी है। पूरे मामले में सिक्योरिटी एजेंसी से जुडे कर्मचारी और अफसर, कं प्यूटर ऑपरेटर, भी शामिल हैं। संभव है कि कलेक्टर और एसपी को दिए बयान में आरोपियों ने कुछ बड़े नाम कबूले हो लेकिन अब तक वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। संभव है कि एक दो दिन में कलेक्टर और एसपी इस पूरे मामले का पटाक्षेप करें। हालांकि आरोपियों से मिले मोबाइल से पूरे रैकेट का पता चला है।
विवेचना चल रही है आरोपियों से सामान्य पूछताछ की गई है।इस मामले में और भी आरोपियों के नाम जुड सकते हैं। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। –प्रदीप शर्मा, एसपी