महाकालेश्वर मंदिर की आईटी शाखा में भस्मार्ती रिकार्ड मिटाने का कार्य
साथ ही प्रोटोकाल देखने वाले कर्मचारियोंं के खातों की भी पुलिस कर सकती है जांच
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में करोड़ों के गबन में शामिल दो कर्मचारियों से एसपी द्वारा लगातार पूछताछ की जा रही है। जिसमें कई नामों का खुलासा हो रहा है। प्रतिदिन हो रही पूछताछ में नये नये खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को महाकाल थाना पुलिस ने कोर्ट में पेश कर इनका 10 दिन का रिमांड मांगा था। जानकारी में आया है कि इनका दो दिन की रिमांड अवधि बढ़ा दी गई है।
महाकालेश्वर मंदिर में भ्रष्टाचार शीघ्र दर्शन, विशेष दर्शन, भस्मार्ती सहित अन्य जगहों पर अपने अपने तरीके से होता है। ऐसे में इस पर पूरी तरह से लगाम लगाना तो कठिन कार्य है, लेकिन कलेक्टर नीरजसिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने जिस तरह से महाकाल मंदिर के इतिहास में पहली बार बड़े भ्रष्टाचारियों को धरदबोचा है, इससे निश्चित रूप से महाकाल मंदिर में लुटापिटा रहे श्रद्धालुओं को राहत तो अवश्य ही मिलेगी। जानकारी में आया है कि भस्मार्ती में भी मंदिर के कई लोग लिप्त हैं। जिसमें मंदिर के कर्मचारियों से लेकर हारफूल वाले तक शामिल हैं। अब पुलिस भस्मार्ती के रिकार्ड खंगाल रही है। जिसके चलते आईटी शाखा में कम्प्यूटर से रिकार्ड मिटाने के कार्य किये जा रहे हैं। ज्ञातव्य रहे कि भस्मार्ती बनाने वाले जितने भी कम्प्यूटर आपरेटर हैं और वह श्रद्धालुओं की भस्मार्ती बना रहे हैं, उसका पूरा रिकार्ड आईटी शाखा में रहता है। ऐसे में प्रतिदिन रुपये देकर भस्मार्ती करवा रहे होटल संचालक और अन्य फर्जियों का रिकार्ड पुलिस तलब न कर ले, इसके लिये रिकार्ड मिटाने का कार्य किया जा रहा है।
तीन मीडियाकर्र्मी भी संदेह के घेरे में
ऐसा नहीं है कि पुलिस केवल एक पाइंट पर ही कार्य कर रही है। पुलिस आरोपित दोनों कर्मचारियों से मिले फीडबैक के आधार पर भस्मारती सहित प्रोटोकॉल में चल रहे गौरखधंधों की भी आगामी दिनों में जांच कर सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में तीन मीडियाकर्मियों के नाम भी आरोपियों ने पुलिस को बताए हैं। हालांकि पुलिस ने अब तक आरोपियों के नाम उजागर नहीं किए हैं।