ग्रामीणों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग
शाजापुर, अग्निपथ। जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर ग्राम बिजाना में शासन की योजनानुसार सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन बनने से पहले ही इसकी बीमारी उजागर हो रही है। निर्माण को लेकर ग्रामीणों व पंचों ने इसमें भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण के आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में जो शासन की ओर से टेंडर स्वीकृत किया गया है उसके ठेकेदार गोपाल चौधरी एवं इंजीनियर पूजा मेडम द्वारा निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें गुणवत्ता को ताक पर रखा जा रहा है। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा चाही गई की किन शर्तों के अधीन उक्त ठेका प्राप्त किया गया है और किस प्रकार की सामग्री लगाई जा रही है तो उस पर ठेकेदार व इंजीनियर ने जानकारी देने के बजाए धमकी दी जा रही है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इंजीनियर पूजा द्वारा धमकी दी गई कि तुम्हारे खिलाफ शिकायत दर्ज करवाकर झूठे प्रकरण में फंसा दूंगी। गांव के वार्ड क्रमांक 1 के पंच विजय पंचोली, संजय प्रजापति, नवीन शर्मा ने कलेक्टर को दिए गए आवेदन में मांग की कि यहां गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जाए ताकि ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। साथ ही संबंधित ठेकेदार व इंजीनियर के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए।
खुले ट्रांसफार्मर के पास किया जा रहा निर्माण
शासन की मंशा है कि ग्रामीणों को उचित उपचार स्थानीय स्तर पर ही मिल सके, लेकिन शायद ठेकेदार की मंशा यह प्रतीत नहीं होती। जिनके द्वारा घटिया निर्माण के साथ ही लोगों की जान भी मुश्किल में डाली जा रही है। जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जा रहा है वहीं पर एक डीपी भी है जो खुली पड़ी है।
लेकिन ठेकेदार ने उसका भी ख्याल नहीं रखा और निर्माण किया जा रहा है। जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। यही नहीं जिम्मेदार अधिकारियों को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है, लेकिन उनके द्वारा भी सुनवाई नहीं की जा रही है।
बिना रॉयल्टि के डलवाई जा रही मुरम, शासन को हो रहा राजस्व का नुकसान
सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में बिना रॉयल्टि के मुरम डलवाई जा रही है। ग्राम पंचायत बिजाना के वार्ड क्र. 1 के पंच विजय पंचोली ने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा शासन को भी राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जो बिना रॉयल्टि के मुरम डलवा रहे हैं।