8 दिन में 35 लाख भक्तों ने किए महाकाल दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। नववर्ष पर इस बार महाकाल मंदिर में 6 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। बुधवार एक जनवरी को शीघ्र दर्शन और लड्डू प्रसादी से मंदिर को 25 लाख 76 हजार रुपए से अधिक की आय हुई। भक्त 21 लाख रुपए की लड्डू प्रसादी अपने साथ ले गए। वहीं, 24 दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच बीते 8 दिनों में 35 लाख 61 हजार श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान महाकाल मंदिर को 6 करोड़ 32 लाख 79 हजार रुपए की कुल आय हुई है।
इस बार भी नव वर्ष पर महाकाल मंदिर में देश भर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे। हालांकि इस बार पिछले दो वर्षों की तुलना में भीड़ कम थी। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर पहुंचे भक्तों ने दिल खोल कर दान किया। इसके साथ ही प्रोटोकॉल दर्शन से भी मंदिर समिति को करोड़ों रुपए की आय हुई है। हालांकि अभी 30 दिसम्बर और एक जनवरी को दान पेटी से मिली आय की गिनती होना बाकी है।
12 दिन में 6 करोड़ से ज्यादा की आय
दिन आय
20.12.2024 4273601 रुपए
21.12.2024 5047375 रुपए
22.12.2024 5670103 रुपए
23.12.2024 6405653 रुपए
24.12.2024 5935200 रुपए
25.12.2024 4784208 रुपए
26.12.2024 6027619 रुपए
27.12.2024 6216552 रुपए
28.12.2024 7105332 रुपए
29.12.2024 7265391 रुपए
31.12.2024 1972850 रुपए
1.1.2025 2576000 रुपए
दूसरे दिन भी रही महाकाल मंदिर में भीड़
नववर्ष के दूसरे दिन गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन करने को हजारों भक्त पहुंचे। हालांकि पहले दिन जैसी भीड़ नहीं रही, लेकिन इसके बावजूद भारी भीड़ का नजारा देखा गया।
महाकाल को 2 लाख 81 हजार का रजत पात्र भेंट
नव वर्ष पर भक्त महाकाल मंदिर में दिल खोल कर दान कर रहे हैं। इसी क्रम में गाजियाबाद के एक दान दाता ने करीब 2 लाख 81 हजार रुपए का रजत अभिषेक पात्र भगवान महाकाल को दान किया है। ये पात्र भगवान को जल और दूध अर्पित करने के काम आएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गाजियाबाद से पधारे भक्त श्याम शर्मा ने भगवान श्री महाकालेश्वर को रजत अभिषेक पात्र भेंट किया। इसका कुल वजन लगभग 3109 ग्राम है।
इसी प्रकार मुंबई के दान दाता मानव अग्रवाल ने पुजारी गोपाल शर्मा की प्रेरणा से भगवान को रजत मुकुट अर्पित किया। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के वीरेंद्र शर्मा ने दोनों दानदाताओं का सम्मान कर विधिवत रसीद प्रदान की। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल ने दी।