तीन मीडियाकर्मी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर दर्शन, नंदी हॉल दर्शन, जलाभिषेक और भस्मआरती दर्शन के मामले में रितेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले में शामिल अब तक के सबसे ज्यादा आरोपियों के नाम पुलिस के पास बुधवार-गुरुवार को पहुंचे। इन आरोपियों नामों के खुलासे के बाद पुलिस ने तत्काल कुछ आरोपियों को हिरासत में भी ले लिया है।
हालांकि कुछ आरोपी फरार बताए जा रहे हैं लेकिन पुलिस का दावा है कि शुक्रवार शाम तक सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे। रितेश शर्मा ने दो दिन की रिमांड में मंदिर समिति से जुड़े चार आरोपी और तीन मीडियाकर्मियों के नाम उजागर किए हैं।
टीआई नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि अब तक पकड़ाए आरोपियों में आठवां आरोपी रितेश शर्मा की दो दिन की रिमांड अवधि गुरुवार को पूरी हो गई। इसके बाद गुरुवार शाम को उसे न्यायालय में पेश कर दिया गया।
जहां से उसे केंद्रीय भैरवगढ़ जेल पहुंचा दिया है। दो दिन रिमांड अवधि में पूछताछ की गई जिसमें उसने कईं नामों के खुलासे किए हैं जो इस घोटाले में शरीक रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रितेश शर्मा से मिली जानकारी में मंदिर समिति के अखिल खंडेलवाल, भीमराज खांडेगर, उमेश पंड्या और घनश्याम हाड़ा के नाम सामने आए हैं जबकि मीडियाकर्मियों में शर्मा, चौबे और एक अन्य मीडियाकर्मी का नाम सामने आया है।
अब तक 15 आरोपी बने,और भी नाम आ सकते हैं सामने
महाकाल दर्शन घोटाले में अब तक पन्द्रह नाम सामने आए हैं। इसमें से 8 आरोपी जेल पहुंचे हैं। सबसे पहले सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की शिकायत पर नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे पुलिस गिरफ्त में आए। इसके बाद आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडप प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, क्रिस्टल कंपनी के ओमप्रकाश माली और जितेंद्र पंवार की गिरफ्तारी हुई।
भस्मआरती प्रभारी रितेश शर्मा ने महाकाल थाने पहुंचकर सरेंडर किया। रितेश शर्मा इस मामले की मुख्य कड़ी माना जा रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही एक साथ 7 लोगों के नाम इस घोटाले में सामने आए हैं। इन 7 आरोपियों को मिलाकर अब तक 15 आरोपी बनाए जा चुके हैं। अब इन छह आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी संभव है कि दर्शन के नाम पर अवैध वसूली करने वाले रैकेट के और भी नाम सामने आए।
जेल भेजे कर्मचारियों को किया जा सकता है बर्खास्त
महाकाल मंदिर के वे कर्मचारी जिन्होंने दर्शन के नाम पर अवैध वसूली की है उन्हें मंदिर समिति द्वारा बर्खास्त किया जा सकता है। महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के लिए मंदिर के प्रभारी प्रशासक एवं एडीएम अनुकूल जैन ने प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर और मंदिर समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह को भेज दिया है।
जल्द ही कलेक्टर इस मामले में आदेश जारी कर सकते हैं। मंदिर प्रशासन इस भ्रष्टाचार के मामले में सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी इस मामले में प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
इनका कहना
कार्रवाई की जा रही है…महाकाल मंदिर समिति के जिन कर्मचारियों के नाम इस मामले में आए हैं और जेल भेजे गए हैं उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई का प्रस्ताव मिला है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-नीरजकुमार सिंह, कलेक्टर