नए साल में खुशखबरी : उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन के लिए 2667 करोड़ की योजना स्वीकृत

उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन

सुसनेर, अग्निपथ। नए वर्ष में रेलवे विभाग सुसनेर, सोयतकलां एवं आगर जिले के लोगो के लिए खुशखबरी लेकर आया है। उज्जैन से झालावाड़ के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने को रेलवे बोर्ड ने लो- बजट वाली 2667 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति प्रदान की है। पश्चिम-मध्य रेलवे द्वारा विकल्प स्वरूप प्रस्तुत महंगे बजट की दो अन्य योजनाओं से किनारा कर लिया है। स्वीकृति के बाद उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट की विस्तृत कार्य योजना बनाना शुरू किया है।

मालूम हो कि लोगों को उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर कराने के लिए फरवरी में केंद्रीय रेल मंत्री ने विस्तृत कार्य योजना बनाने को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की मंजूरी दी थी। इसके पालन में रेलवे ने सर्वे कर प्राथमिक स्तर पर तीन योजना बनाकर महीने भर पहले रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेजा था। इस योजना का प्रस्तुतीकरण 5 अक्टूबर को हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया के समक्ष भी किया था।

समझाने को योजना के नाम पिंक, ब्लू और रेड रखा है। पिंक योजना 2836 करोड़ रुपये की, ब्लू योजना 2727 करोड़ रुपये की और रेड योजना 2697 करोड़ रुपये की बनाई थी। पिंक योजना 189.100 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की थी, जिसमें 38 कर्व, 64 पुल बनाना प्रस्तावित था। ब्लू योजना 181.80 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की थी, जिसमें 37 कर्व और 45 पुल बनाना प्रस्तावित था। स्वीकृत रेड योजना 177.860 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 36 कर्व और 34 पुल बनाना प्रस्तावित है। तीनों योजना अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को ध्यान में रखकर बनाई है। तीनों योजना में उज्जैन से आगर तक मुख्य पुलों की संख्या स्पष्ट की थी।

ये है उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन स्वीकृत

उज्जैन से जगोटी, पिपलोनकलां, आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर, झालावाड़। यहां बता दें कि रेलवे बोर्ड ने सुरासा, खेड़ावदा, पिपलोनकलां तथा उज्जैनिया, ढाबलाखुर्द गांव को सम्मिलित कर बनाई योजना को निरस्त किया है। अभी ट्रेन द्वारा उज्जैन से झालवाड़ जाने के लिए लोगों को रामगज मंडी स्टेशन उतरना होता है। यहां से झालावाड़ जाने के लिए प्रतिदिन सुबह 8.10 बजे, दोपहर 3.58 बजे और रात 8.45 बजे ट्रेन मिलती है।

वर्ष 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच चलती थी ट्रेन

सन् 1932 से 1975 तक उज्जैन-आगर के बीच नैरोगेज ट्रेन चलती थी। उस समय चलने वाली ट्रेन का जेडबी टाइप का इंजन (तब की कीमत एक लाख 61276 रुपये) उज्जैन रेलवे स्टेशन परिसर में खड़ा है। एक दशक पहले झालावाड़ से रामगज मंडी तक रेल लाइन बिछाकर ट्रेन का संचालन शुरू करा चुकी है मगर झालावाड़ से उज्जैन के बीच रेल अब भी कागजों पर ही है।

लंबे समय से कर रहे थे क्षेत्र के लोग उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन की मांग

आपातकाल में उज्जैन से आगर तक की नैरोगेज लाईन को उखाडऩे के बाद से ही क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर पुन: रेल लाइन की मांग कर रहे थे। परन्तु लोगो को आश्वासन से सिवाय कुछ नही मिला था। तब जाकर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार के नेतृत्व में पूरे जिले के लोगो ने सन 2018-19 में अभियान चलाकर उज्जैन रामगंजमंडी एवं शामगढ़ हरदा रेलवे लाईन की मांग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 5 हज़ार मांगपत्र भेजे थे। तब जाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन रेलवे लाईन के सर्वे के लिए पौने पांच करोड़ की स्वीकृति रेल मंत्रालय द्वारा दी गयी थी। जिसकी डेड लाईन 31 दिसम्बर तय की गई थी। डेड लाइन से पूर्व रेल मंत्रालय ने योजना तैयार कर 31 दिसम्बर को सबसे कम लागत की योजना को स्वीकृति प्रदान की।

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