महाकाल मंदिर दर्शन घोटाला: नाम उजागर होने के बाद फरार हुए आरोपी, पुलिस जुटी तलाश में

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर दर्शन घोटाले में आठवें आरोपी रितेश शर्मा की गिरफ्तारी और पूूछताछ में 6 से ज्यादा आरोपियों के नाम सामने आए हैं। लेकिन नाम उजागर होने के बाद आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने उनकी तलाश में घरों पर दबिश दी तो वे घर पर नहीं मिले ना ही वे नौकरी पर पहुंचे। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

टीआई नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया भस्मआरती प्रभारी रितेश शर्मा को न्याायालय में पेश कर दिया गया है। जहां से उसे जेल भेज दिया गया लेकिन दो दिन की रिमांड में उसने 6 से ज्यादा नामों के खुलासे किए हैं जो इस गोरखधंधे में शामिल हैं। गुरुवार को रितेश शर्मा की रिमांड अवधि पूर्ण होने के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया।

इसके बाद जिन नामों के खुलासे रितेश ने किए उनकी धरपकड़ की जाना थी लेकिन जैसे ही आरोपियों को यह बात पता चली कि उनके नाम रितेश ने बताए हैं तो वे फरार हो गए। पुलिस ने गुरुवार रात दबिश देकर उन्हें पकडऩे का प्रयास किया लेकिन वे नहीं मिले।

हालांकि सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस ने उजागर हुए नामों से कुछ लोगों को थाने पर बुलाया और पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। पांच नाम ऐसे बताए जा रहे हैं जिन्हें इस मामले में आरोपी बनाना तय है लेकिन वे अब तक पुलिस गिरफ्त में नहीं आए हैं।

टीआई परिहार ने बताया कि नाम उजागर होने के बाद आरोपी फरार हो गए। सभी की तलाश की जा रही है।बता दें कि इस मामले में जिन तीन मीडियाकर्मियों के नामों की चर्चा चल रही थी उसमें से दो विजेंद्र यादव और पंकज शर्मा के नाम पुलिस के पास पहुंचे हैं।

दोनों ने मीडिया का गलत इस्तेमाल कर अवैध वसूली की हैै। इसके अलावा मंदिर समिति और क्रिस्टल कंपनी से जुड़े कर्मचारी जिनके नाम सामने आए हैं उनकी भी पुलिस को तलाश है।

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