ग्रामीण ने 15 हजार रुपए मांगने पर की थी लोकायुक्त में शिकायत
उज्जैन,अग्निपथ। झारडा के एक गांव में बुधवार दोपहर अलग रोचक नजारा दिखाई दिया। यहां रुपए लेकर एक युवक पंचायत सचिव के पीछे दौड़ रहा था और सचिव उसे मुफ्त में काम करने का वादा कर भाग रहा था। इस नाटकीय घटना से सचिव ट्रेप होने से तो बच गया, लेकिन घूस मांगने के प्रमाण होने पर लोकायुक्त के केस से नहीं बच सका।
महिदपुर स्थित झारडा के ग्राम कछालिया सैयद निवासी ईश्वर पिता देवीसिंह आर्य को कूप खनन योजना के तहत राशि मिलना थी। पंचायत सचिव रतनलाल चौहान ने राशि दिलवाने के लिए 15 हजार रुपए मांगे। घूस मांगने पर आर्य ने 500 रुपए देते हुए वाइस रिकार्ड कर 24 फरवरी को लोकायुक्त एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान को शिकायत कर दी थी।
शेष राशि बुधवार को देना तय होने पर लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा टीम व आर्य के साथ गांव पहुंचे। यहां आर्य द्वारा आवाज लगाने पर चौहान घर सेबाहर आया, लेकिन आर्य के पीछे अनजान लोग देख दौड़ लगा दी। आर्य ने रोकने का प्रयास किया तो वह हाथ छुड़ाकर भागा।
नतीजतन आर्य रुपए देेने की आवाज लगाता हुआ उसके पीछे दौड़ा तो चौहान रुपए लेने से इंकार कर मुफ्त में काम करने का वादा कर नजरों से ओझल हो गया। इस दौड़-भाग को देख ग्रामीण भौचक रह गए।
संदेह से बचा फिर भी केस में फंसा
सचिव चौहान द्वारा आर्य को रुपए लेकर घर बुलाने पर डीएसपी शर्मा टीम के साथ गांव के बाहर छिप गए थे। दो लोग चौहान को रंगेहाथ पकडऩे के लिए आर्य के पीछे गए थे। शायद इन्हीं अनजान लोगों को देख चौहान को ट्रेप की आशंका हुई और वह भाग गया। चौहान रंगेहाथ पकड़ाने से बचने पर भले ही राहत महसूस कर ले, लेकिन घूस मांगने की वाईस रिकार्डिंग होने पर लोकायुक्त ने उसके खिलाफ धारा 7 का केस दर्ज कर दिया।
इनका कहना है
रुपए लिए बिना भागने के कारण पंचायत सचिव रंगेहाथ पकड़ाने से बच गया, लेकिन उसके विरुद्ध रिश्वत मांगने के पु ता प्रमाण होने पर केस दर्ज किया गया है। – वेदांत शर्मा,डीएसपी लोकायुक्त