देवास, अग्निपथ। सायबर फ्रॉड से आवेदक के खाते से गायब हुए 9 हजार रुपए एक ही दिन में वापस मिलने की संभावना बन गई है। यह पुलिस की सायबर मित्र योजना के कारण संभव हो सका है।
सिविल लाईन निवासी देवेन्द्र जयसवाल ने 9 जनवरी को सायबर फ्रॉड के ज़रिए 9 हजार रुपये ठगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना कांटाफोड पर पदस्थ सायबर मित्र आरक्षक शुभम कश्यप एवं आरक्षक हितेश द्वारा आवेदक से चर्चा कर फ्रॉड संबंधित जानकारी निर्धारित फॉर्मेट में प्राप्त की एवं जि़ला सायबर सेल को प्रेषित की जहां से उक्त जानकारी एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज की गई और सतत मॉनिटरिंग की गई ।
सिविल लाईन थाना सायबर मित्र और जि़ला स्तरीय सायबर सेल द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही के चलते आवेदक की संपूर्ण फ्रॉड गई राशि 9,000 रुपये को होल्ड करवाने में सफलता प्राप्त की गई जिसे अग्रिम वैधानिक कार्रवाई कर न्यायालयीन आदेश के द्वारा आवेदक के खाते में पुन: लौटाया जाएगा।
ढाई महीने में 12 लाख से ज्यादा रुपए वापस दिलाए
जिलेवासियों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक देवास पुनीत गेहलोद द्वारा जारी ऑपरेशन साइबर के तहत साइबर सेल ने 1 नवंबर से लेकर अब तक करीब ढाई महीने में 12 लाख 2 हजार 68 रुपये की ठगी गई राशि वापस करवाई है। वहीं विभिन्न शिकायतों में 20 लाख 22 हजार 406 रुपये की राशि को होल्ड भी कराया है जिसे अग्रिम वैधानिक कार्यवाही कर आवेदकों को लौटाया जाएगा।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि जहां एक तरफ़ सायबर फ्रॉड से बचने हेतु अनजान कॉलर को कोई भी निजी जानकारी शेयर ना करना और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करना ही सर्वोत्तम उपाय है
- सायबर फ्रॉड होने पर तत्काल सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या डायल 100 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने की अपील भी देवास जिलेवासियों से की है ।
- पुलिस कप्तान के अनुसार ऑपरेशन साइबर की ख़ास बात यह है कि अब साइबर फ्रॉड होने पर आवेदक को दर-दर भटकने के ज़रूरत नहीं रही । जैसे ही फ्रॉड होता है,आवेदक को मात्र डायल 100 या 1930 पर कॉल करना होता है।
- कॉल प्राप्त होते ही थानों पर पदस्थ साइबर मित्र और जिला साइबर सेल ऐक्टिव हो जाते हैं और आवेदक से संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर एनसीआरपी पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं।